फीफा विश्व कप 2026 के शुभंकरों का हुआ खुलासा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-09-2025
The mascots for the FIFA World Cup 2026 have been unveiled.
The mascots for the FIFA World Cup 2026 have been unveiled.

 

नई दिल्ली:

फीफा विश्व कप 2026 अब ज्यादा दूर नहीं है और इसकी तैयारियाँ जोरों पर हैं। टूर्नामेंट से पहले ही फीफा ने इसके आधिकारिक शुभंकरों का अनावरण कर दिया है। इस बार का विश्व कप संयुक्त रूप से तीन देशों — अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा — में आयोजित हो रहा है, और हर देश की संस्कृति और पहचान को दर्शाने के लिए तीन अनोखे पशु पात्रों को शुभंकर चुना गया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रतिनिधित्व कर रहा है ‘क्लच’ नाम का एक ईगल, जो मैदान में मिडफील्ड की भूमिका निभाता है और आत्मविश्वास, नेतृत्व और टीम समन्वय का प्रतीक है। वहीं मेक्सिको की ओर से ‘ज़ायू’ नाम का एक जगुआर शुभंकर है, जो दक्षिणी मेक्सिको के जंगलों से आता है और नृत्य, भोजन व पारंपरिक विरासत के ज़रिए स्थानीय संस्कृति को सामने लाता है। ज़ायू एक आक्रामक और रचनात्मक खिलाड़ी के रूप में जाना जाएगा।

कनाडा का प्रतिनिधित्व करता है ‘मेपल’ नाम का मूस, जो देश के विभिन्न प्रांतों की यात्रा करता है और लोगों की एकता, विविधता और आपसी जुड़ाव को दर्शाता है। वह गोलकीपर की भूमिका में नज़र आएगा।

फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो ने इन शुभंकरों के बारे में कहा है कि मेपल, ज़ायू और क्लच खुशी, ताकत और एकता के प्रतीक हैं और यह फीफा विश्व कप की आत्मा को बख़ूबी दर्शाते हैं। फीफा का कहना है कि ये तीनों पात्र मिलकर टूर्नामेंट की मूल भावना – फुटबॉल की एकता, संस्कृति की विविधता और खेल के प्रति जुनून – को जीवंत करेंगे।

उद्घाटन मैच 11 जून, 2026 को मेक्सिको सिटी के ऐतिहासिक एस्टाडियो एज़्टेका स्टेडियम में खेला जाएगा, जबकि फाइनल मुकाबला 19 जुलाई को अमेरिका के न्यू जर्सी स्थित मेटलाइफ स्टेडियम में होगा। खास बात यह है कि इतिहास में पहली बार विश्व कप फाइनल के दौरान हाफटाइम शो भी आयोजित किया जाएगा।

इसके अलावा, 2026 का विश्व कप कई मायनों में ऐतिहासिक रहने वाला है। पहली बार इसमें 48 देश भाग लेंगे और कुल 104 मैच खेले जाएंगे, जो अब तक का सबसे बड़ा फीफा टूर्नामेंट होगा।

तीनों मेज़बान देशों की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते ये शुभंकर इस बार के विश्व कप को न सिर्फ खेल का, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव का रूप भी देने वाले हैं।