इंग्लैंड को बड़ा झटका: जोफ्रा आर्चर अंतिम दो एशेज टेस्ट से बाहर

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-12-2025
Sargalaya 2025: This season's unmissable cultural experience.
Sargalaya 2025: This season's unmissable cultural experience.

 

कोझिकोड, केरल

दक्षिण भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक, 13वां सर्गालाया अंतरराष्ट्रीय कला एवं शिल्प उत्सव (SIACF 2025) 23 दिसंबर 2025 से 11 जनवरी 2026 तक इरिंगल, कोझिकोड में आयोजित हो रहा है। यह उत्सव केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि कला, परंपरा, स्वाद और समुदाय का जीवंत उत्सव है, जो आगंतुकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है।

SIACF दक्षिण भारत का प्रमुख शिल्प उत्सव माना जाता है और इसमें 18 भारतीय राज्यों सहित बेलारूस, मिस्र, ईरान, इज़राइल, जॉर्डन, कजाकिस्तान, नेपाल, रूस, श्रीलंका, सीरिया, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, युगांडा, उज़्बेकिस्तान और ताइवान के 200 से अधिक शिल्पकार हिस्सा ले रहे हैं। हर स्टॉल पर हस्तशिल्प की अलग कहानी, परंपरा और मानव स्पर्श देखने को मिलता है, जो मशीन से कभी नहीं बन सकता।

इस वर्ष के उत्सव में हैंडलूम और शिल्प थीम एरेनास, भूगोलिक संकेत (GI)–टैग किए गए उत्पाद, राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार विजेता शिल्पकारों के 100 से अधिक प्रदर्शनी स्टॉल शामिल हैं। आगंतुक सीधे कलाकारों से मिल सकते हैं और भारतीय जीवंत शिल्प की अद्वितीय कृतियाँ घर ले जा सकते हैं।

SIACF 2025 में फैशन शो, फ्लावर शो, केरल फूड फेस्टिवल और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी आयोजित की जाती हैं। मूर्द नदी पर पैडल और मोटर बोटिंग जैसी गतिविधियाँ भी उपलब्ध हैं, जिससे यह उत्सव संस्कृति, मनोरंजन और प्रकृति का अद्भुत मिश्रण बन जाता है।

उत्सव का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना, शिल्पकारों को सशक्त बनाना और स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान करना भी है। केरल पर्यटन विभाग, NABARD, वस्त्र मंत्रालय और हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट संस्थानों का सहयोग इसे और प्रभावशाली बनाता है।

सर्गालाया केवल एक शिल्प गांव नहीं, बल्कि मानव रचनात्मकता और साझा सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव है। यह हर आगंतुक के अनुभव को शिक्षा, प्रेरणा और अविस्मरणीय स्मृतियों से भर देता है।