आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
बेंगलुरु में 83 वर्षीय सेवानिवृत्त सैन्य कर्नल ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बन गए, जब ठगों ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर उन्हें गिरफ्तारी की धमकी दी और उनके बैंक खातों से 56.05 लाख रुपये निकाल लिए।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सीईएन अपराध पुलिस थाने में 18 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई।
प्राथमिकी के अनुसार, पीड़ित को 27 अक्टूबर को एक व्यक्ति ने कॉल किया और खुद को मुंबई पुलिस निरीक्षक संजय पिशे बताकर कहा कि शिकायतकर्ता के नाम पर जारी एक सिम कार्ड का गलत इस्तेमाल हुआ है।
जब बुजुर्ग ने मुंबई आकर जांच में शामिल होने में असमर्थता जताई तो उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से एक वरिष्ठ महिला अधिकारी कविता पोमाने और बाद में एक अन्य फर्जी उच्च अधिकारी विश्वास से जोड़ा गया।
कॉल करने वालों ने ऑनलाइन जांच के नाम पर उनके व्यक्तिगत, पारिवारिक और बैंक विवरण निकाल लिए और इस बारे में किसी को बताने पर गिरफ्तारी की धमकी दी।
प्राथमिकी में बताया गया कि ठगों ने हर तीन घंटे में उनके लाइव लोकेशन और ‘‘आरबीआई सत्यापन’’ के लिए बैंक विवरण व्हाट्सएप पर साझा करने का निर्देश दिया। पीड़ित ने उनकी बात मानकर चार बैंक खातों के विवरण साझा किए और छह तथा पांच लाख रुपये उनके निर्दिष्ट खाते में अंतरित किए।
बाद में उन्हें म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश भी बेचने को कहा गया, जिससे उन्होंने 35.05 लाख और 10 लाख रुपये और उसी खाते में भेजे।
जब उन्होंने पैसे लौटाने की मांग की तो ठगों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक राशि की जांच कर रहा है और तीन दिन में वापस कर देगा। पुलिस ने कहा कि पीड़ित की शिकायत के आधार पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4) के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।