आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
इंग्लैंड दौरे में चोटिल होने के बाद से खेल से बाहर चल रहे ऋषभ पंत बुधवार से शुरू होने वाले रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट के नए सत्र से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी कर सकते हैं जबकि कई युवा खिलाड़ी इस राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अपनी विशिष्ट छाप छोड़ने के लिए बेताब होंगे।
पंत का दूसरे दौर में खेलना रणजी ट्रॉफी के पहले चरण का मुख्य आकर्षण है, अन्यथा इसका कोई तात्कालिक उद्देश्य नहीं है, क्योंकि अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के बाद भारत को लंबे समय तक टेस्ट मैच नहीं खेलना है।
जुलाई में मैनचेस्टर में क्रिस वोक्स की गेंद पर पैर की अंगुली में फ्रैक्चर होने के बाद से पंत खेल से बाहर हैं और बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) में उनका रिहैबिलिटेशन सही दिशा में चल रहा है।
हैदराबाद के खिलाफ पहले दौर के मैच के लिए दिल्ली की 24 खिलाड़ियों की टीम में इस विकेटकीपर बल्लेबाज का नाम नहीं है लेकिन यदि सीओई उनकी वापसी को मंजूरी दे देता है तो वह या तो दूसरे दौर (25 अक्टूबर से हिमाचल प्रदेश के खिलाफ) या तीसरे दौर (एक नवंबर से पुडुचेरी के खिलाफ) में खेल सकते हैं।
इससे पंत को 14 नवंबर से विश्व चैंपियन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली श्रृंखला से पहले अपनी फिटनेस का आकलन करने और मैच अभ्यास का मौका मिल सकता है।
पंत के अलावा हालांकि बहुत से खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में अपने प्रदर्शन के आधार पर भारतीय टीम में प्रवेश की कोई वास्तविक उम्मीद नहीं रखते हैं, क्योंकि भारत को इस सत्र में सीमित ओवरों के अधिक मैच खेलने हैं।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला के महत्व और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के अंकों को देखते हुए इसकी भी बहुत कम संभावना है कि भारत अपने उन 15 खिलाड़ियों के साथ छेड़छाड़ करेगा, जिन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन किया था।