चेन्नई
भारत में हॉकी खेलने का रोमांच और यहां के दर्शकों के जुनून के किस्से उन्होंने अपने पिता से सुने थे। लेकिन जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन के बेटे जैक फुल्टन ने आयरलैंड की ओर से जूनियर विश्व कप में पदार्पण किया, तो उनके पिता स्टेडियम में मौजूद नहीं थे।
सत्रहवें जन्मदिन के मुहाने पर खड़े जैक ने अपना पहला विश्व कप मैच मदुरै में कनाडा के खिलाफ खेला, जबकि उस समय उनके पिता क्रेग भारतीय टीम के साथ मलेशिया के इपोह में सुल्तान अजलन शाह कप में व्यस्त थे।
चेन्नई में स्विट्ज़रलैंड के खिलाफ 5–2 की जीत के बाद ‘भाषा’ से बातचीत में जैक ने कहा—
“मैं इससे पहले एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान यहां आया था। भारत में हॉकी के प्रति लोगों का जुनून देखकर रोमांच हो जाता है। यह स्टेडियम भी बहुत बड़ा और शानदार है। यहां खेलकर बहुत अच्छा लगा।”
उन्होंने बताया कि उनके पिता ने भारत के हॉकी माहौल के बारे में बहुत कुछ बताया था, लेकिन खेलने की तकनीक या रणनीति पर कोई चर्चा नहीं हुई।
जब उनसे पूछा गया कि डेब्यू के वक्त पिता के नहीं होने का असर पड़ा, तो जैक बोले—
“बिल्कुल, बहुत मिस किया। लेकिन मैं समझता हूं कि उनका शेड्यूल पहले से तय था और मेरा चयन एक महीने पहले हुआ है। इसलिए उनका यहां न होना स्वाभाविक था।”
जैक का परिवार हॉकी से गहरे रूप से जुड़ा है।
पिता क्रेग फुल्टन दक्षिण अफ्रीका की ओर से 1996 अटलांटा और 2004 एथेंस ओलंपिक खेल चुके हैं।
मां नताली फुल्टन ने भी 2002 विश्व कप और 2004 ओलंपिक में हिस्सा लिया।
क्रेग और नताली दक्षिण अफ्रीका की ओर से एक ही ओलंपिक (एथेंस 2004) में खेलने वाला पहला दंपती भी रहे।
जैक कहते हैं—
“मैंने बहुत छोटी उम्र में हॉकी पकड़ी। जब मां-पिता दोनों हॉकी खिलाड़ी हों, तो खेल खून में ही आ जाता है। मुझे बचपन से हॉकी से प्यार रहा है।”
जैक का जन्म आयरलैंड में हुआ और उनका बचपन वहीं गुज़रा।
उन्होंने कहा—
“मेरी जड़ें वहीं हैं, इसलिए स्वाभाविक है कि मैं आयरलैंड के लिए खेलूं।”
दोहरी नागरिकता होने के बावजूद दक्षिण अफ्रीका के लिए भविष्य में खेलने के सवाल पर उन्होंने कहा—
“इस बारे में अभी नहीं सोचा। फिलहाल तो आयरलैंड ही मेरी प्राथमिकता है।”
स्कूल के छात्र और अपने पिता को आदर्श मानने वाले जैक ने कहा—
“हमारे लिए टूर्नामेंट अच्छा रहा। दो मैच हारने के बाद टीम ने शानदार वापसी की है। यहां से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।”
आयरलैंड के अब तक के नतीजे:
कनाडा को 4-3 से हराया
दक्षिण अफ्रीका से 1-2 से हार
जर्मनी से 1-5 से हार
स्विट्ज़रलैंड को क्लासीफिकेशन मैच में 5-2 से मात
जैक फुल्टन की प्रतिभा और जुनून बताते हैं कि आने वाले समय में वे अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अपनी अलग पहचान बना सकते हैं—और उनके पिता की तरह एक बड़े खिलाड़ी के रूप में उभर सकते हैं।