ग्रेटर नोएडा
विश्व मुक्केबाज़ी कप फाइनल्स में भारत का दबदबा देखने को मिला। स्टार मुक्केबाज़ निकहत जरीन की अगुआई में भारतीय महिला टीम ने सात स्वर्ण पदक हासिल किए, जबकि पुरुष वर्ग में हितेश गुलिया और सचिन सिवाच ने स्वर्ण जीतकर भारत का परचम और ऊँचा किया। मेजबान भारत ने सभी 20 वजन वर्गों में पदक जीते—9 स्वर्ण, 6 रजत और 5 कांस्य।
गुरुवार को 15 भारतीय मुक्केबाज़ रिंग में उतरे। महिला वर्ग में मौजूदा विश्व चैंपियन जैस्मीन लंबोरिया (57 किग्रा), मीनाक्षी हुड्डा (48 किग्रा), एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता प्रीति पवार (54 किग्रा), विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता परवीन हुड्डा (60 किग्रा), पूर्व युवा विश्व चैंपियन अरुंधति चौधरी (70 किग्रा) और नुपुर श्योराण (80+ किग्रा) ने स्वर्ण पर कब्ज़ा किया।
रजत पदक जीतने वालों में जादुमणि सिंह (50 किग्रा), अभिनाश जामवाल (65 किग्रा), पवन बर्तवाल (55 किग्रा), अंकुश फंगल (80 किग्रा), नरेंद्र बेरवाल (90 किग्रा) और पूजा रानी (80 किग्रा) शामिल रहीं।
इसके पहले नीरज फोगाट (65 किग्रा), स्वीटी (75 किग्रा), सुमित कुंडू (75 किग्रा), जुगनू (85 किग्रा) और नवीन (90 किग्रा) कांस्य पदक जीत चुके थे।
कई शीर्ष अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की अनुपस्थिति के बावजूद, यह टूर्नामेंट भारतीय मुक्केबाज़ों—खासकर परवीन, प्रीति और अरुंधति—के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ, जिन्होंने अपनी फॉर्म और आत्मविश्वास वापस पाया।
जैस्मीन ने प्रतियोगिता की सबसे बड़ी जीतों में से एक दर्ज करते हुए पेरिस ओलंपिक पदक विजेता वू शिह यी को 4-1 से हराया।प्रीति ने भी इटली की विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता सिरीन चर्राबी को शानदार अंदाज़ में मात दी।दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन ने चीनी ताइपे की गुओ यी शुआन को 5-0 से हराया।
पुरुष वर्ग में, सचिन सिवाच ने किर्गिस्तान के सइतबेक को 5-0 से परास्त किया, जबकि हितेश गुलिया ने कजाखस्तान के नूरबेक मुर्सल को 3-2 से हराते हुए शानदार जीत दर्ज की।
टूर्नामेंट के दौरान भारतीय मुक्केबाज़ी महासंघ (BFI) की विशेष आम बैठक (SGM) में अंदरूनी मतभेद खुलकर सामने आए। कुछ राज्य इकाइयों के सदस्यों ने अध्यक्ष अजय सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का दावा किया।
अजय सिंह ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा,“आज SGM हुई और 28 हस्ताक्षरों के साथ एक अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। लेकिन यह कहना कि यह तीन-चौथाई सदस्यों का समर्थन प्राप्त है—पूरी तरह गलत है।”
उन्होंने आगे कहा,“जो हस्ताक्षर किए गए हैं, उनमें कई लोग सदस्य ही नहीं हैं। और यही सदस्य मुझ पर भरोसा जताते हुए एक अन्य याचिका पर भी बड़ी संख्या में हस्ताक्षर कर चुके हैं।”
PTI के पास मौजूद दस्तावेज़ के अनुसार, 28 सदस्यों ने संविधान संशोधन समेत कई मुद्दों पर आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया है कि अजय सिंह “बार-बार अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।”