आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
आज से ठीक एक साल पहले, 29 जून 2024 को भारत ने बारबाडोस के मैदान पर दक्षिण अफ्रीका को रोमांचक मुकाबले में सात रन से हराकर आईसीसी टी20 विश्व कप 2024 का खिताब जीतकर 11 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म किया था. यह जीत न केवल एक खेल उपलब्धि थी, बल्कि भावनात्मक रूप से भी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन बन गई.
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा के लिए यह खिताब बेहद खास रहा। जहां 2023 में वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार से दिल टूटा था, वहीं 2024 में उन्होंने पहली बार बतौर कप्तान आईसीसी खिताब जीता। इससे पहले वह 2007 में एमएस धोनी की कप्तानी में टी20 विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। इस बार यह जीत उनकी कप्तानी में आई और उनके साथ विराट कोहली ने भी टी20 फॉर्मेट से शानदार विदाई ली.
इस टूर्नामेंट में रोहित शर्मा भारत के सबसे सफल बल्लेबाज़ रहे। उन्होंने आठ पारियों में 257 रन बनाए, जिसमें तीन अर्धशतक शामिल रहे. उनका स्ट्राइक रेट 155 से ऊपर और औसत 36.71 रहा। वह टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बने.
गेंदबाज़ी में भारत के लिए अर्शदीप सिंह सबसे आगे रहे। उन्होंने आठ मैचों में 17 विकेट झटके, उनका औसत 12.64 और इकॉनमी रेट 8 से कम रहा। अर्शदीप पूरे टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे और भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई.
फाइनल में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी चुनी, लेकिन शुरुआत बेहद खराब रही और स्कोर 34 पर तीन विकेट गिर गए। ऐसे कठिन मौके पर विराट कोहली ने अपने अनुभव का दम दिखाया. उन्होंने टूर्नामेंट में अब तक कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया था, लेकिन फाइनल में उन्होंने अपने पुराने अंदाज़ में 76 रन (59 गेंदों में) की शानदार पारी खेली. इस पारी में छह चौके और दो छक्के शामिल थे। उनके साथ अक्षर पटेल ने 31 गेंदों में 47 रन की तेज़ पारी खेली। दोनों ने मिलकर 72 रनों की साझेदारी कर टीम को संकट से बाहर निकाला और स्कोर 176/7 तक पहुंचाया.
दक्षिण अफ्रीका ने भी दमदार जवाब दिया। क्विंटन डि कॉक और ट्रिस्टन स्टब्स ने 58 रन की साझेदारी की और फिर हेनरिक क्लासेन ने 15वें ओवर में अक्षर पटेल की गेंद पर 24 रन बटोरकर मैच को अफ्रीका के पक्ष में मोड़ दिया. आखिरी 30 गेंदों में उन्हें केवल 30 रन चाहिए थे, लेकिन तभी हार्दिक पंड्या ने क्लासेन को आउट कर दिया, जिन्होंने 27 गेंदों में 52 रन बनाए थे.
इसके बाद भारत ने दबाव बनाकर रखा और आखिरी ओवर में डेविड मिलर को आउट करने के लिए सूर्यकुमार यादव ने सीमा रेखा पर करिश्माई कैच लिया—जो मैच का सबसे निर्णायक पल साबित हुआ. दक्षिण अफ्रीका 169/8 तक ही पहुंच सका और भारत ने 7 रन से ऐतिहासिक जीत दर्ज की.
इस जीत के साथ रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टी20 इंटरनेशनल करियर को गौरवपूर्ण विदाई दी और करोड़ों भारतीयों को गर्व और खुशी का अवसर दिया। एक साल बाद आज भी यह दिन भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए गर्व, यादें और प्रेरणा से भरा हुआ है।कर दिए गए हैं.