राजगीर
भारत ने एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट के पूल-ए के आख़िरी लीग मैच में कजाकिस्तान को 15-0 से रौंदकर न सिर्फ़ शानदार जीत दर्ज की बल्कि शीर्ष स्थान के साथ सुपर चार चरण में जगह भी पक्की कर ली। टीम पहले ही अगले दौर में पहुंच चुकी थी, लेकिन इस बड़ी जीत के बाद उसने पूल तालिका में नंबर-1 स्थान हासिल किया।
भारत के लिए अभिषेक (5वें, 8वें, 20वें, 59वें मिनट), सुखजीत सिंह (15वें, 32वें, 38वें), जुगराज सिंह (24वें, 31वें, 47वें) ने हैट्रिक गोल किए। इसके अलावा कप्तान हरमनप्रीत सिंह (26वें), अमित रोहिदास (29वें), राजिंदर सिंह (32वें), संजय सिंह (54वें) और दिलप्रीत सिंह (55वें) ने भी गोल दागकर स्कोर को एकतरफा बना दिया।
भारत ने इससे पहले चीन और जापान को हराकर सुपर चार का टिकट पक्का कर लिया था। चीन इस पूल से भारत के साथ अगले दौर में पहुंचा, जबकि पूल-बी से मलेशिया और कोरिया ने क्वालीफाई किया है। सुपर चार में सभी टीमें एक-दूसरे से भिड़ेंगी और शीर्ष दो टीमें रविवार को होने वाले फाइनल में जगह बनाएंगी।
मैच की शुरुआत से ही भारतीय खिलाड़ियों ने आक्रामक रुख दिखाया। सुखजीत ने 5वें मिनट में अभिषेक को पास दिया और उन्होंने रिवर्स शॉट से भारत का खाता खोला। इसके तुरंत बाद अभिषेक ने दूसरा गोल दागा। पहले क्वार्टर के अंत में भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन हरमनप्रीत का प्रयास कजाकिस्तान के गोलकीपर ने रोक लिया। इसी बीच सुखजीत ने मौके का फ़ायदा उठाकर स्कोर 3-0 कर दिया।
दूसरे क्वार्टर में भारत ने दबाव बनाए रखा। अभिषेक ने हैट्रिक पूरी की, जुगराज और हरमनप्रीत ने लगातार पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला, वहीं रोहिदास ने भी गोल कर हाफ टाइम तक स्कोर 7-0 कर दिया।
तीसरे क्वार्टर में जुगराज ने पेनल्टी स्ट्रोक से गोल किया और अपनी हैट्रिक पूरी की। राजिंदर और सुखजीत ने भी गोल कर स्कोर को दोहरे अंक में पहुंचा दिया। चौथे क्वार्टर में संजय, दिलप्रीत और अंत में अभिषेक ने एक और गोल कर भारत की जीत को 15-0 पर सील कर दिया।
मैच के बाद मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने टीम के प्रदर्शन पर संतोष जताया। उन्होंने कहा, “हम पहले ही सुपर चार में थे, इसलिए खिलाड़ियों की फिटनेस और सतर्कता हमारे लिए अहम थी। कजाकिस्तान के लिए हमारे मन में पूरा सम्मान है, लेकिन किसी भी टीम के खिलाफ 15 गोल करना आसान नहीं होता। सुपर चार में जाने से पहले स्ट्राइकरों का लय में आना और तालमेल बैठाना हमारे लिए अच्छा संकेत है।”
दिन के पहले मैच में चीन और जापान 2-2 से ड्रॉ खेले। चीन ने चांगलिआंग लिन और जिआओजिआ झांग के गोलों से बढ़त बनाई, लेकिन जापान ने कजुमासा मात्सुमोतो के दो गोल से बराबरी कर ली। गोल अंतर के आधार पर हालांकि चीन सुपर चार में पहुंचने में सफल रहा, जबकि जापान बाहर हो गया।
इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट का विजेता अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड में होने वाले विश्व कप के लिए क्वालीफाई करेगा।