नई दिल्ली
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजक बनने के लिए नई बोलियों को आमंत्रित किया है, लेकिन इसके साथ ही कुछ सख्त शर्तें भी रखी हैं। बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि कुछ खास तरह की कंपनियाँ टीम इंडिया को प्रायोजित नहीं कर पाएंगी।
बीसीसीआई की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 10 प्रकार की कंपनियों को भारतीय टीम के प्रायोजन से बाहर रखा गया है:
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ऑनलाइन गेमिंग, सट्टेबाजी और जुए से जुड़ी कंपनियाँ – चाहे भारत में हों या दुनिया में कहीं भी।
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क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित व्यवसाय – जैसे क्रिप्टो ट्रेडिंग, एक्सचेंज, टोकन या कोई भी संबंधित गतिविधि।
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शराब बनाने वाली कंपनियाँ।
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तम्बाकू उत्पाद बनाने वाली कंपनियाँ।
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पोर्न सामग्री बनाने वाली कंपनियाँ।
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खेल परिधान (स्पोर्ट्सवेयर) निर्माता कंपनियाँ।
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बैंक, वित्तीय सेवाएं और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान।
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शीतल पेय (सॉफ्ट ड्रिंक) बनाने वाली कंपनियाँ।
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घरेलू उपकरण निर्माता – जैसे पंखा, मिक्सर-ग्राइंडर और ताला बनाने वाली कंपनियाँ।
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बीमा कंपनियाँ।
इसके अलावा, पाँच अन्य संस्थाओं को भी इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है क्योंकि वे पहले से ही किसी न किसी रूप में बीसीसीआई की मौजूदा प्रायोजक सूची का हिस्सा हैं।
बीसीसीआई का यह कदम भारतीय क्रिकेट की छवि को साफ-सुथरा और सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।