लंदन
भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने एक बार फिर साबित कर दिया कि ‘असंभव’ उनके शब्दकोश में नहीं है। इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम टेस्ट में उन्होंने ऐतिहासिक जीत दिलाकर यह जता दिया कि अगर आत्मविश्वास हो, तो कुछ भी संभव है।
सिराज ने मैच के बाद बताया, “सुबह उठते ही गूगल पर ‘Believe’ इमोजी वॉलपेपर देखा और खुद से कहा – आज देश के लिए कुछ बड़ा करना है।”
जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में सिराज ने श्रृंखला में 185.3 ओवर गेंदबाज़ी कर 23 विकेट चटकाए। इस निर्णायक टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने 5 विकेट लेकर कुल 9 विकेट अपने नाम किए और भारत को 6 रन से रोमांचक जीत दिलाई।
मैच के अंतिम दिन जब इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन और 4 विकेट की दरकार थी, सिराज ने शुरुआत से ही अंग्रेज बल्लेबाज़ों को बैकफुट पर ला दिया। पहले ओवर में ही उन्होंने जेमी स्मिथ को पवेलियन भेजा और फिर ओवरटन को एलबीडब्ल्यू किया।"हर गेंद एक घटना थी," सिराज ने कहा।
प्रसिद्ध कृष्णा ने भी उनका बख़ूबी साथ निभाया और भारत ने इंग्लैंड को 350 रन पर ऑलआउट कर सीरीज 2-2 से बराबर कर ली।
एक खास पल तब आया जब घायल क्रिस वोक्स मैदान पर बल्लेबाजी के लिए उतरे, जिससे 1963 के कोलिन काउड्रे की याद ताज़ा हो गई। लेकिन अंततः सिराज की यॉर्कर ने आखिरी विकेट लेकर भारत को जीत दिला दी।
"मैंने बस सोचा, सही एरिया में गेंदबाज़ी करनी है – विकेट मिले या रन जाएँ, फर्क नहीं पड़ता," सिराज ने मुस्कराते हुए कहा।
उन्होंने माना कि जब हैरी ब्रूक का कैच लेते समय उनका पैर बाउंड्री कुशन से छू गया था, तो उन्हें लगा कि मैच हाथ से निकल गया है। लेकिन किस्मत ने उनका साथ दिया, और उन्होंने इतिहास रच दिया।एक योद्धा की तरह लड़े सिराज – और भारत को दिलाई एक अविस्मरणीय जीत।