पणजी (गोवा)
रूसी ग्रैंडमास्टर यान नेपोमनियाची (Ian Nepomniachtchi) गुरुवार को एफआईडीई (FIDE) शतरंज विश्व कप से बाहर होने के बाद विवादों में घिर गए, जब उन्होंने हार के तुरंत बाद होटल छोड़ दिया और टूर्नामेंट की व्यवस्थाओं पर नाराज़गी जताई।
भारत के ग्रैंडमास्टर दिप्तायन घोष से 0.5-1.5 से हारकर टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद 35 वर्षीय नेपोमनियाची ने बिना किसी से बातचीत किए खेल स्थल से निकल गए और एक घंटे के भीतर होटल से भी चेक-आउट कर लिया।
यह पहला मौका है जब पिछले पांच वर्षों में नेपोमनियाची — जो मौजूदा विश्व ब्लिट्ज चैंपियन हैं — कैंडिडेट्स टूर्नामेंट से बाहर रहेंगे।
चेसबेस.इन द्वारा जारी एक वीडियो में नेपोमनियाची को सुरक्षा कर्मियों के साथ स्थल से बाहर निकलते और फिर होटल छोड़ते हुए दिखाया गया। कुछ ही देर बाद वे टैक्सी से रवाना हो गए।
उनके टेलीग्राम चैनल पर एक संदेश में उन्होंने लिखा,“मैं इससे पहले (2019 में) कोलकाता में भारत में खेल चुका हूँ, इसलिए मुझे यहां के हालात का अंदाज़ा था। लेकिन FIDE ने मुझे हैरान कर दिया। शतरंज के पहलू पर कहने को कुछ नहीं... बस इतना कह सकता हूँ कि यह उन जगहों में से एक है जिन्हें छोड़ने का अफसोस नहीं होता।”
दूसरी ओर, भारतीय खिलाड़ी दिप्तायन घोष ने कहा,“मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा कि मैंने नेपोमनियाची को हरा दिया। यह मेरे करियर की अब तक की सबसे बड़ी जीत है। यह जीत मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी।”
नेपोमनियाची के इस रवैये पर शतरंज जगत में कड़ी प्रतिक्रियाएँ आईं। स्कॉटलैंड के ग्रैंडमास्टर जैकब आगार्ड ने ‘एक्स’ पर लिखा,“नेपोमनियाची का खेल और उनका बाहर निकलने का तरीका वैसा ही था जैसा उनसे उम्मीद की जाती है — बिना किसी गरिमा के। अब रूसी होना शतरंज में कोई लाभ नहीं रहा। कोई भी ऐसे खिलाड़ी को आमंत्रित नहीं करना चाहता जो हारने पर आयोजन की निंदा करे।”
उनकी हार ने एक और इतिहास रच दिया — यह पहली बार होगा जब अगले साल के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में कोई रूसी खिलाड़ी शामिल नहीं होगा।
गौरतलब है कि 31 दिसंबर 2024 को नेपोमनियाची और मैग्नस कार्लसन ने न्यूयॉर्क में हुए एफआईडीई विश्व ब्लिट्ज चैम्पियनशिप के खिताब को साझा किया था, जब फाइनल मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ। यह इतिहास में पहली बार था जब किसी व्यक्तिगत विश्व चैम्पियनशिप का खिताब साझा किया गया।
इस साल जून में डच ग्रैंडमास्टर अनीश गिरी ने भी नेपोमनियाची और अमेरिकी खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा की आलोचना की थी। दोनों ने एफआईडीई वर्ल्ड रैपिड एंड ब्लिट्ज टीम इवेंट में हार के बाद विरोध दर्ज कराया था, जिसके चलते उनका मैच दोबारा खेला गया।
गिरी ने तब सवाल उठाया था कि अगर वे पहला मैच जीत गए होते, तो क्या तब भी अपील करते? उन्होंने इसे खराब खेल भावना और अनुचित अधिकार भावना का उदाहरण बताया था।