नई दिल्ली
भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी को प्रायोजित करना अब पहले से ज्यादा महंगा हो गया है। बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने द्विपक्षीय सीरीज़ के लिए प्रायोजन दर को प्रति मैच 3.5 करोड़ रुपये और बहुपक्षीय टूर्नामेंटों के लिए 1.5 करोड़ रुपये निर्धारित किया है।
क्रिकबज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये नई दरें आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) और एसीसी (एशियाई क्रिकेट परिषद) द्वारा मान्यता प्राप्त टूर्नामेंटों पर लागू होंगी।अब तक, द्विपक्षीय मैचों के लिए 3.17 करोड़ रुपये और बहुपक्षीय मुकाबलों के लिए 1.12 करोड़ रुपये प्रति मैच प्रायोजन राशि निर्धारित थी। इस हिसाब से नई दरों में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।
ड्रीम11 ने छोड़ा प्रायोजन, नया रास्ता तलाश रही बीसीसीआई
यह बदलाव तब आया जब ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम, 2025 लागू होने के बाद बीसीसीआई ने ड्रीम11 के साथ अपना प्रायोजन अनुबंध समाप्त कर दिया। इस अधिनियम के अंतर्गत भारत में वास्तविक धन से जुड़े ऑनलाइन गेम को प्रतिबंधित किया गया है, जिससे ड्रीम11 जैसे प्लेटफॉर्म को अपने कुछ प्रमुख संचालन बंद करने पड़े।
ड्रीम11 के हटने के बाद, बीसीसीआई ने भारतीय टीम के नए मुख्य प्रायोजक के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि बोली लगाने वाली कोई भी कंपनी या समूह सट्टेबाजी, जुए या ऑनलाइन मनी गेमिंग जैसी गतिविधियों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े नहीं होने चाहिए।
एशिया कप में बिना मुख्य प्रायोजक के उतरेगी भारतीय टीम
एशिया कप 2025, जो 9 सितंबर से यूएई में शुरू हो रहा है, उसमें भारतीय टीम बिना किसी मुख्य जर्सी प्रायोजक के ही मैदान में उतरेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रायोजन के लिए बोली जमा करने की अंतिम तिथि 16 सितंबर तय की गई है, जो एशिया कप के दौरान आती है।
संभावित आय 400 करोड़ रुपये से अधिक
बीसीसीआई को उम्मीद है कि इन नई दरों के तहत उसे प्रायोजन से 400 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हो सकती है। हालांकि अंतिम आंकड़ा बोली प्रक्रिया के परिणाम पर निर्भर करेगा, और यह और भी अधिक हो सकता है।
ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम का असर
ड्रीम11 ने हाल ही में अपने रियल-मनी गेमिंग ऑपरेशनों को बंद कर दिया है। ऑनलाइन गेमिंग (संवर्धन एवं विनियमन) अधिनियम 2025 के मुताबिक,“कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई ऑनलाइन गेम नहीं चला सकता, प्रचार नहीं कर सकता या उसमें भाग नहीं ले सकता, जिसमें वास्तविक धन की भागीदारी हो।”