बांग्लादेश का विश्व कप जीतने का सपना टूटा, कप्तान ने लिया संन्यास

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-11-2025
Bangladesh's World Cup dream shattered, captain retires
Bangladesh's World Cup dream shattered, captain retires

 

ढाका।

मीरपुर के शहीद सुहरावर्दी इंडोर स्टेडियम में खेले गए महिला कबड्डी विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में मेज़बान बांग्लादेश को चीनी ताइपे ने 25–18 से मात देकर फाइनल में जगह बना ली। 2012 में पटना में हुए पहले महिला विश्व कप में पाँचवें स्थान पर रहने वाली बांग्लादेश टीम इस बार सेमीफाइनल में हारकर तीसरे स्थान पर रही और कांस्य पदक के साथ अभियान समाप्त किया।
दूसरी ओर, पहले सेमीफाइनल में ईरान भारत से 12 अंकों से हार गया था, जबकि बांग्लादेश की हार का अंतर 7 अंकों का रहा, इसी आधार पर बांग्लादेश को तीसरा स्थान मिला।

चीनी ताइपे, जिसने 2012 के उद्घाटन संस्करण में ग्रुप चरण से ही बाहर होना पड़ा था, इस बार पूरे टूर्नामेंट में प्रभावी प्रदर्शन कर रही है। ग्रुप ‘बी’ की चैंपियन के रूप में सेमीफाइनल में पहुंची चीनी ताइपे ने पहले हाफ में बांग्लादेश पर 9–8 की बढ़त बना ली। हाफ टाइम से ठीक पहले बांग्लादेश ने एक महत्वपूर्ण सुपर टैकल के जरिए अंतर को कम किया और मुकाबले में बने रहे।

दूसरे हाफ की शुरुआत में बांग्लादेश ने 10–8 से बढ़त भी हासिल कर ली, लेकिन चीनी ताइपे ने तुरंत वापसी करते हुए स्कोर 10–10 कर दिया। समय बीतने के साथ चीनी ताइपे का दबदबा बढ़ता गया और पाँचवें मिनट में उन्होंने 15–12 की बढ़त बना ली। इसके बाद टीम ने लगातार अंकों का अंतर बढ़ाते हुए 25–18 से मुकाबला अपने नाम किया।अब फाइनल में चीनी ताइपे का सामना सोमवार को भारत से होगा, जिसने 2012 के पहले संस्करण में ख़िताब जीता था।

सेमीफाइनल हार के बाद बांग्लादेश की खिलाड़ी स्मृति अख्तर ने कहा,“हमने पूरी कोशिश की, लेकिन चीनी ताइपे की तकनीक, गति और मूवमेंट हमसे बेहतर थे। हमारा लक्ष्य फाइनल था, लेकिन तकनीकी कमियों की वजह से हारना पड़ा। फिर भी खुशी है कि इस बार हमें पहली बार विश्व कप का पदक मिला।”

चीनी ताइपे के कोच डेविड त्साई ने भी मैच के बाद कहा,“हम अपनी गलतियों की समीक्षा करेंगे और फाइनल के लिए खुद को तैयार करेंगे। एशियाई खेलों में हमने भारत से कड़े मुकाबले खेले थे। हमारा मुख्य लक्ष्य वहीं है, यह टूर्नामेंट उसकी तैयारी है। बांग्लादेश की रक्षा मज़बूत थी, लेकिन रेड में जुझारूपन कम दिखा।”

कोई विवरण उपलब्ध नहीं।

मैच के साथ ही बांग्लादेश कबड्डी की एक महत्वपूर्ण यात्रा का भी अंत हो गया। महिला टीम की कप्तान रूपाली अख्तर ने सेमीफाइनल से पहले आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय कबड्डी को अलविदा कह दिया। युवा एवं खेल सलाहकार आसिफ महमूद सजीब भुइयां ने उन्हें विदाई का ताज पहनाया, जबकि महासंघ के महासचिव एसएम नेवाज सोहाग ने उनके सिर पर “हैप्पी रिटायरमेंट” लिखा पट्टा रखा।

रूपाली मौजूदा टीम की अकेली खिलाड़ी थीं, जो 2012 के पहले विश्व कप में भी शामिल थीं। 2009 में एशियाई जूनियर कबड्डी से करियर की शुरुआत करने वाली जमालपुर की रूपाली ने 2010, 2014 और 2018 में एशियाई खेलों में हिस्सा लिया। 2010, 2016 और 2019 के दक्षिण एशियाई खेलों में भी उन्होंने बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व किया।

घरेलू स्तर पर बांग्लादेश अंसार के लिए खेलने वाली रूपाली ने 16 वर्ष के अपने चमकदार करियर में कई उपलब्धियाँ हासिल कीं।इस विश्व कप के साथ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कबड्डी को अलविदा कह दिया है।