शिमला (हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल प्रदेश को डेलॉयट के प्रमुख सरकारी सम्मेलन अरोहणा 2025 में अपनी नवोन्मेषी डिजिटल गवर्नेंस पहल हिम परिवार परियोजना के लिए विशेष पहचान और सम्मान प्राप्त हुआ।हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के अनुसार, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सम्मेलन में भाग लिया और प्लेनरी लीडरशिप लेक्चर दिया। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि राज्य ने डिजिटल तकनीक का रणनीतिक उपयोग कर भविष्य के लिए तैयार, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित शासन व्यवस्था विकसित की है।
मुख्यमंत्री ने हिम परिवार परियोजना के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर देते हुए इसे शासन के क्षेत्र में एक गेम-चेंजर बताया। यह पहल विभिन्न विभागों के डेटा को एकीकृत करती है, जिससे कल्याणकारी योजनाओं का लक्षित लाभ वितरण, दोहराव की समाप्ति, अपात्र लाभार्थियों को हटाने और नीति निर्माण में सुधार संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से सामाजिक कल्याण योजनाओं के संचालन में दक्षता, पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री ने राज्य की अन्य प्रमुख डिजिटल पहलों का भी उल्लेख किया, जिनमें हिमएक्सेस—राज्य का सिंगल साइन-ऑन डिजिटल पहचान प्लेटफॉर्म—और हिमसेवा, सैकड़ों नागरिक सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने वाला एकीकृत सेवा पोर्टल शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इन पहलों का उद्देश्य शासन को सरल, तेज और अधिक समावेशी बनाना है, जिससे विशेष रूप से दूर-दराज़ और पहाड़ी क्षेत्रों के नागरिकों को लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने राज्य के डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ डिजिटल टेक्नोलॉजी एंड गवर्नेंस (DTG) की सराहना की और विशेष रूप से मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार (DTG एवं नवाचार) गोकुल बुटेल के दूरदर्शी नेतृत्व की प्रशंसा की।
इसके साथ ही उन्होंने डॉ. निपुण जिंदल, निदेशक, DDTG तथा उनकी टीम के योगदान की सराहना की, जिन्होंने राज्य की महत्वाकांक्षी डिजिटल गवर्नेंस दृष्टि को सफलतापूर्वक लागू करने में अहम भूमिका निभाई।
हिमाचल प्रदेश CMO के अनुसार, अरोहणा 2025 में मिली यह मान्यता समावेशी शासन के लिए तकनीक के प्रभावी उपयोग में हिमाचल प्रदेश की राष्ट्रीय नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है और एक सुरक्षित, पारदर्शी व भविष्य-उन्मुख डिजिटल इकोसिस्टम बनाने की राज्य की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करती है।