चाइल्ड लेबर के खिलाफ काम कर रहा शाइनिंग इंडिया फाउंडेशन

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 13-02-2024
Shining India Foundation working against child labor
Shining India Foundation working against child labor

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली

किसी का भविष्य सुधारना हो तो उसे कोई हुनर सीखा दो, शिक्षा और हुनर मुल्क की बहतरी के लिए दो ऐसे अस्त्र हैं जो जिंदगी में हर कदम पर आपके काम आएंगे ऐसा मानना है शाइनिंग इंडिया फाउंडेशन के चेयरमैन एम. गाजी का. जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पॉलिटिकल साइंस के छात्र रहते हुए एम. गाजी ने यह महसूस किया कि अब भी बाल श्रम से छोटे बच्चों को मुक्ति नहीं मिल पाई है और स्लम एरिया के बच्चे छोटे-मोटे होटल पर काम करते हैं जिससे उनके घर परिवार को आर्थिक मदद तो मिलती है लेकिन बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. 

 
इसीलिए एम गाजी ने अपनी टीम बनाई और 20 से 22 लोगों के साथ मिलकर 2017 में शाइनिंग इंडिया फाउंडेशन की नींव रखी और बच्चों को मूलभूत ज्ञान देने का बीड़ा उठाया और कुछ टीचर्स की मदद से स्कूल खोले जो आज भी स्लम एरिया जैसे शाहीन बाग़ और इस्लामपुर में जारी है.
 
एम गाजी ने आवाज द वॉयस को बताया कि इन चारों स्कूलों में बच्चों को शिक्षा दी जाती है, अपने हक और अधिकार की जानकारी दी जाती है ताकि बच्चे समझ सके, पढ़ सके और अपना भविष्य उज्ज्वल बना सके.
 
लेकिन धीरे-धीरे और गाजी ने महसूस किया कि उनके स्कूल में बच्चे काम आने लगे कारण यह था कि जो बच्चे होटल पर छोटा-मोटा काम करने के बाद अपनी कुछ कमाई परिवार की आर्थिक मदद में देते थे अभी बंद हो चुकी थी इसके बाद उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर उन छोटे बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ कौशल भी सीखाने का निर्णय लिया.
 
 
एम गाजी ने आवाज द वॉयस को बताया कि उन्होंने कुछ ऐसे लोगों को भी देखा जो 10 साल की उम्र से केवल बर्तन ही मांज रहे थे और अपने 40 वर्ष की आयु तक भी उन्हें बर्तन धोने के अलावा और कुछ नहीं आता था यानी अगर कभी उन्हें किसी नौकरी से निकाल दिया जाए तो वह आगे जाकर भी बर्तन धोने का काम ही ढूंढेंगे ऐसे में एम गाजी ने सोचा कि क्यों न छोटे बच्चों को एक ऐसा कौशल सिखाया  जाए जिससे वे अपनी रोजी-रोटी  कमा सके और साथ ही अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर सके और अपने पैरों पर खुद खड़े हो सके.
 
इसमें सिलाई आदि कुशल कार्य शामिल थे जिसे बच्चों को सीखाने के लिए उन्होंने अलग-अलग हुनरमंदों की मदद ली और उन बच्चों को कौशल सीखाया उनमें से कुछ बच्चे अब अच्छी सिलाई करना भी सीख चुके हैं जो काम भी रहे हैं और अपने परिवार की आर्थीक मदद भी कर रहे हैं.
 
 
एम गाजी ने आवाज द वॉयस को बताया कि स्लम एरिया में चलाए जा रहे शाइनिंग इंडिया फाउंडेशन के स्कूलों के माध्यम से कुछ बच्चों का दाखिला अब सरकारी स्कूल में भी हो चुका है और वह वहां पर लिखकर आगे की और तरक्की कर रहे हैं शाइनिंग इंडिया फाउंडेशन बच्चों को शिक्षा और कौशल दोनों ही प्रदान कर रहा है.
 
मानवता की खातिर सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाले एम गाजी ने कोरोना काल में भी मसीहा बनकर कार्य किया और गरीब और जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित किया, मास्क बांटें और छोटे बच्चों को खाना खिलाया. 
 
 
 
उन्होंने एक ओपन किचन शुरू की जिस वक्त लॉकडाउन में लोग अपने घरों में अकेले थे और उनके पास कहीं और जाने का कोई रास्ता नहीं बचा था ऐसे कठिन समय में एम गाजी ने अपनी टीम के साथ मिलकर लोगों को भोजन कराया और उन्हें मानवता की खातिर डोनेट करने वाले कुछ लोगों ने कच्चा राशन भी दिया जिसे एम गाजी ने अपने टीम मेंबर्स के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगों में वितरित वितरित किया और लोगों की भूख मिटाई इनमें ज्यादातर वह मजदूर थे जो अकेले अपने घर परिवार से दूर बाहर शहर में रह रहे थे. 
 
 
कोरोना के बाद भी लगभग एक से डेढ़ साल तक एम गाजी ने कच्चा राशन लोगों में वितरित किया ताकि उन्हें कोई परेशानी ना हो और उन्हें ऐसा महसूस ना हो कि उनका अपना कोई नहीं. एम गाजी ने नेचुरल डिजास्टर मैनेजमेंट में भी बिहार और असम में मदद की, बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए शेल्टर व्यवस्थित किया और उन्हें खाने पीने का सामान दिया और साथ ही मूलभूत चीजों की भी आपूर्ति की. 
 
 
एम गाजी का मानना है की चाइल्ड लेबर इस दुनिया से पूरी तरीके से खत्म होना बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि बच्चे ही हमारे देश का भविष्य है और उनके उज्जवल भविष्य के लिए मानवता की खातिर हम सभी को आगे आना होगा एकजुट होकर उनकी तरक्की के लिए हमें मेहनत करनी होगी तभी हम एक अच्छे मुल्क की तस्वीर देख पाएंगे. 
 
एम गाजी ने बताया कि शाइनिंग इंडिया फाउंडेशन के वाईस प्रेसिडेंट उनके भाई अफ़ज़ल हैं जिनकी मदद से छोटे बच्चों के लिए स्कूल चलाए जाते हैं और टीचर्स की फीस दी जाती है ताकि बच्चों को मूलभूत सुविधा प्रदान की जा सके.
 
एम गाजी ने कहा कि मुल्क में गरीबी और बेरोजगारी को हटाने के लिए हमें बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देनी होगी ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो.
 
एम गाजी ने बताया कि अब तक जितने भी सामाजिक कार्य किए उन्होंने अपने खुद की कमाई और अपने टीम मेंबर्स की सहायता से किए लेकिन आगे अगर कोई और उनकी शाइनिंग इंडिया फाउंडेशन में मदद करना चाहता है और बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाना चाहता है तो वह आगे आकर उनकी मदद कर सकते हैं.
 
एम गाजी अपने सामाजिक कार्यों के प्रति सोशल मीडिया पर भी हमेशा एक्टिव रहते हैं और लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.