पटना में समाप्त होगी कांग्रेस की 'वोटर अधिकार यात्रा', ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता होंगे शामिल

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 01-09-2025
Congress' 'Voter Rights Yatra' will end in Patna, 'India' alliance leaders will participate
Congress' 'Voter Rights Yatra' will end in Patna, 'India' alliance leaders will participate

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
कांग्रेस की 14 दिवसीय, 1,300 किलोमीटर लंबी 'वोटर अधिकार यात्रा' का समापन सोमवार को बिहार की राजधानी पटना में होगा। इस मौके पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के कई प्रमुख नेता एक जुलूस में हिस्सा लेंगे.
 
पार्टी सूत्रों के अनुसार, आज निकलने जा रहे 'गांधी से आंबेडकर' मार्च में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव, भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, भाकपा महासचिव डी राजा, माकपा महासचिव एम. ए. बेबी, शिवसेना (उबाठा) के संजय राउत, राकांपा (शरद पवार गुट) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले, तथा तृणमूल कांग्रेस नेता यूसुफ पठान और ललितेश त्रिपाठी शामिल होंगे.
 
बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष राजेश राठौड़ ने बताया, ‘‘यह भव्य 'गांधी से आंबेडकर' मार्च सुबह 11:15 बजे ऐतिहासिक गांधी मैदान से शुरू होगा, जहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। इसके बाद यह जुलूस एस.पी. वर्मा रोड, डाक बंगला चौराहा, कोतवाली थाना, नेहरू पथ और इनकम टैक्स गोल चक्कर से होते हुए पटना उच्च न्यायालय के पास डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा तक पहुंचेगा.
 
उन्होंने बताया कि डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देने के बाद विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के नेता जनसभा को संबोधित करेंगे.
 
पटना शहर को देशभर से आए विपक्षी नेताओं के स्वागत में पोस्टरों और बैनरों से सजाया गया है। प्रमुख स्थलों पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा के साथ राजद प्रमुख लालू प्रसाद और नेता तेजस्वी यादव के पोस्टर लगाए गए हैं.
 
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस यात्रा को ‘‘एक ऐसी धार्मिक तीर्थयात्रा’’ की तरह बताया था जिसमें सभी धर्मों के लोग भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा था कि यात्रा का पटना में समापन वास्तव में अंत नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक नई शुरुआत होगी.