ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
सभी की निगाहें दो युवा महिला अधिकारियों- भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर हैं- जो विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ प्रेजेंटेशन का नेतृत्व कर रहीं हैं. उनका नेतृत्व न केवल ऑपरेशन की संचार रणनीति में बल्कि भारत की रक्षा सेवाओं में महिलाओं की उभरती भूमिका में भी एक निर्णायक क्षण को दर्शाता है.
कर्नल सोफिया कुरैशी लंबे समय से धैर्य और प्रगति का प्रतीक रही हैं. उन्होंने पुणे में आयोजित एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास-अभ्यास बल 18-में भारतीय सेना की टुकड़ी की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी के रूप में इतिहास रच दिया, जिसमें 18 देश शामिल थे और शांति अभियानों और मानवीय खदान कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित किया गया था.
उस समय, वह 18 भाग लेने वाली सैन्य टुकड़ियों में से एकमात्र महिला नेता थीं, जिन्होंने 40 सदस्यीय भारतीय दल की कमान संभाली थी. सहयोग को बढ़ावा देने और संघर्ष समाधान तथा मानवीय प्रयासों में विशेषज्ञता साझा करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी-ऐसे मिशन जो ऑपरेशन सिंदूर के पीछे रणनीतिक संदेश के साथ निकटता से जुड़े हुए हैं.
35 वर्ष की आयु में, उन्हें अभ्यास बल 18 में अंतर्राष्ट्रीय सैन्य दल का नेतृत्व करने के लिए शांति प्रशिक्षकों के एक समूह से चुना गया था. वह सिग्नल कोर की एक अधिकारी हैं, जो सैन्य संचार और सूचना प्रणालियों के लिए जिम्मेदार हैं.
एक अनुभवी शांति रक्षक, सोफिया ने 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सेवा की, और छह वर्षों से अधिक समय तक शांति अभियानों से जुड़ी रही हैं. वह गुजरात से आती हैं, उनके पास जैव रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री है, और उनकी सैन्य तीक्ष्णता में अकादमिक ताकत है.
सैन्य सेवा उनके खून में है, वह एक आर्मी परिवार से आती हैं-उनके दादा सेना में सेवा करते थे, और उनकी शादी मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री के एक आर्मी अधिकारी से हुई है.
ऑपरेशन सिंदूर में भूमिका ऑपरेशन सिंदूर के लिए मीडिया ब्रीफिंग का सह-नेतृत्व करने के लिए कर्नल कुरैशी का चयन केवल औपचारिक नहीं है-यह प्रतीकात्मक है.
ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ढांचे के खिलाफ एक समन्वित हमला है, जो भावनात्मक और राष्ट्रवादी महत्व रखता है, खासकर पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई.
भारत के विकसित होते सैन्य सिद्धांत के एक चेहरे के रूप में - जो सटीकता, व्यावसायिकता और समावेशिता पर जोर देता है - कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय रक्षा में नेतृत्व के नए युग का प्रतिनिधित्व करती हैं: तेज, रणनीतिक और निडर.
भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह कौन हैं?
कुशल हेलीकॉप्टर पायलट विंग कमांडर सिंह वायुसेना की उन चंद महिलाओं में से हैं, जिन्होंने इस तरह के उच्च स्तरीय संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सशस्त्र बलों का प्रतिनिधित्व किया है.
सेना में उनकी यात्रा बचपन में ही शुरू हो गई थी. छोटी उम्र से ही प्रेरित होकर, उन्होंने उड़ान भरने का सपना देखा था.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वह अपने परिवार में सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली पहली महिला बनीं. व्योमिका सिंह ने अपने सपने को ध्यान और दृढ़ संकल्प के साथ पूरा किया. वह स्कूल में नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) में शामिल हुईं, जिससे उन्हें सैन्य जीवन के शुरुआती अनुभव मिले.
बाद में उन्होंने एक मजबूत तकनीकी पृष्ठभूमि बनाने के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. 18 दिसंबर, 2019 को, भारतीय वायु सेना ने उन्हें अपनी उड़ान शाखा में स्थायी कमीशन दिया.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने तड़के सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित नौ ठिकानों पर छापेमारी की. प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी मुख्यालयों को निशाना बनाया गया.
सटीक ऑपरेशन में मारे गए ठिकानों में बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां में सरजाल, कोटली में मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप (सभी प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह के हैं) शामिल थे. सेना से कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना से विंग कमांडर व्योमिका सिंह के ब्रीफिंग को संबोधित करने की उम्मीद है.