मंजिल सामने थी नहीं, वो बनती चली गई: फेमस हेयर स्टाइलिस्ट हबीब अहमद

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 19-05-2023
मंजिले मकसूद सामने थी नहीं, वो बनती चली गई: फेमस हेयर स्टाइलिस्ट हबीब अहमद
मंजिले मकसूद सामने थी नहीं, वो बनती चली गई: फेमस हेयर स्टाइलिस्ट हबीब अहमद

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 
 
फेमस हेयर स्टाइलिस्ट हबीब अहमद आज पूरी दुनिया में यूँही मशहूर नहीं हैं, इसके पीछे उनकी कड़ी महनत है, लगन के साथ विदेश में हेयर स्टाइल, हेयर ड्रेसिंग की शिक्षा हासिल करने के बाद भारत में भी लोगों को नए हेयर कट से रुबरुं कराया जिसमें खास लोग शामिल हैं चाहें वो बॉलीवुड के दिग्गज हों या राजनीती के.
 
हबीब एक ब्रांड है जिनके देश में कुल 1300 सैलून हैं. हबीब का कैंची और बाल से पुश्तैनी नाता है. बाल काटना उनके परिवार का पुश्तैनी काम है, आपको जानकर हैरानी होगी कि उनके पिता अंग्रेज अधिकारियों के और वे खुद पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाल काटा करते थे. इतना ही नहीं उनके बेटे जावेद हबीब का जन्म भी राष्ट्रपति भवन में ही हुआ था. उन्हें बाल काटने की बारीकियां अपने पिता से विरासत में मिली. अपने पिता की परंपरा को आगे बढ़ा रहें हैं जसिमें उनके बेटे जावेद हबीब भी शामिल हैं, जो अपने आप में एक फेमस हेयर स्टाइलिस्ट हैं.
 
 
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाल भी हबीब अहमद ने ही काटें, जिसके बाद नेहरू हेयर कट फेमस हो गया. हालांकि राज की बात यह भी है कि पहली बार में नेहरू को अपना हेयर स्टाइल कुछ खास पसंद नहीं आया था लेकिन धीरे धीरे वो अपने उस हेयर कट के साथ मशहूर हो गए.
 
 
15 साल की उम्र में जब हबीब अहमद ने पहली बार भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाल काटे तो उनकी उंगलियां कांपने लगीं. हबीब अहमद ने इंग्लैंड में भी अपनी जिंदगी का कुछ वक़्त बिताया है उनका कहना है कि लग्न से किसी भी काम को करो तो कुछ भी छोटा बड़ा नहीं होता, फिर बेशक वो किसी रेस्त्रो में सफाई हो या कुछ और. 
 
 
हबीब कहतें है कि विदेशों का कल्चर भारत से अलग है, यूके, यूएसए, सिंगापुर, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया यहां वेस्ट्रर्न कल्चर है जहां लोग किसी भी क्षेत्र में तब तक नहीं आ सकते जब तक उस विशेष व्यक्ति को उस खास क्षेत्र के बारे में पूर्ण जानकारी न हों और उसने उसकी तालीम हासिल न की हों लेकिन अब हम हबीब्स भारत में ऐसे हुनरमंदों को अपने इंस्टीटूशन के जरिए हेयर कटिंग सीखा रहें हैं जिससे वे भी अपने क्षेत्र में निपुण हों और आगे कदम रखें.
 
अब भारत में हेयरस्टाइल इंडस्ट्री काफी बूम कर रही है. लेकिन यहां भारत में अभी भी ऐसा रूल नहीं है कि आपको उस पर्टिकुलर क्षेत्र में निपुण होना चाहिए. वहीँ क्वालिफाइड और टैलेंटेड हेरस्टाइलिस्ट हबीब अहमद ने मुस्कुराते हुए कहा कि भारत में टेलेंट कूट कूट के भरा है, और वो अच्छा काम कर रहें हैं. किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपको अपना गोल निर्धारित करना  होता है.
 
 
हबीब अहमद ने बताया कि हेयर स्टाइलिंग में पर्टिकुलर सब्जेक्ट का नाम है कोस्मैटोलॉजी जिसमें 70 विषय होते हैं. बालों के काटने कि एक अलग तक्नीक होतीं है, बाल टेड़े क्यों काटते हैं, सीधे क्यों काटते हैं, शैम्पू, हेयर कंडीशनर से लेकर सबकुछ इसमें सिखाया जाता है. इसकी भी एक साइंटिफिक थियोरी होती है कि आजकल हम उंगली में लेकर बाल काटते हैं क्योंकि उसी से एंगल का पता चलता है. यह एक शानदार केलक्युलेशन होता है जिसे सिर्फ एक हेरस्टाइलिस्ट ही समझ सकता है. 
 
हबीब अहमद फेमस हेयर स्टाइलिस्ट होने के साथ-साथ एक स्पोर्ट्सपरसन भी हैं, उनको फुटबाल खेलना खास पसंद है. 
 
 
हबीब अहमद ने बताया कि आजकल हेयर स्टाईल मेन्टेन करना भी एक आर्ट है और आसान हो चूका है बस एक बार आप अपने क्लाईंट को बता दो कि उसको कोनसा शैम्पू इस्तेमाल करना है और कैसे मेन्टेन करना है सब आसानी से हो जाता है. ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि आपको हर एक चीज़ और बालों की क्वालिटी के बारे में जानकारी हों.
 
 
हबीब अहमद ने राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति के लिए भी काम किया. हबीब अहमद के बारें बातें मशहूर हैं कि वो अपनी हाथों में कैंची से खेलने का हुनर लेकर पैदा हुए थे. 85 साल के हैं और दशकों से व्यापार में, हबीब की तीन पीढ़ियां राष्ट्रपति बनने से पहले ही राष्ट्रपति जाकिर हुसैन, राष्ट्रपति वीवी गिरी, प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी और एपीजे अब्दुल कलाम सहित राजनीतिक दिग्गजों के लिए हेयर स्टाइलिस्ट हैं.
 
हबीब अहमद के सेलिब्रिटी ग्राहकों की लंबी सूची में महारानी गायत्री देवी, सैम मानेकशॉ, तेजी बच्चन और अभिनेता राजेश खन्ना भी शामिल हैं. मशहूर हेयर ड्रेसर हबीब अहमद बहुत ही सौम्य स्वभाव के व्यक्ति हैं जिन्होनें लंदन, इंग्लैंड और विदेशों में काफी स्ट्रगल करके आज यह मुकाम हासिल किया है. एक बेसिक हेयर कट की कीमत हबीब अहमद के सैलून पर 3000 रुपए है.
 
 
हबीब से बाल कटवाने के बाद आप ट्रेंडी, फैशनेबल हो जाते हैं. यह पुस्तक हबीब अहमद नामक एक व्यक्ति की यात्रा का एक कालक्रम है जिसने अपना नाम एक संस्था में बदल दिया. जी हाँ Habib'S Hair Handbook, 101 Ways of Great Looking Hair, आदि बुक्स आपको ऑनलाइन स्टोर्स पर मिल जाएंगी.
 
हेयर स्टाइलिंग के पर्याय, हबीब अहमद ने उपमहाद्वीप में एक प्रतिष्ठित स्थिति हासिल की है. उनके पेशे की सरासर कलात्मकता को रितु पवार द्वारा "हबीब: द मैन हू बिल्ट एन एम्पायर" (वितस्ता) के साथ प्रकाश में लाया गया है.
 
Man with the golden scissors के नाम से फेमस हेयर स्टाइलिस्ट हबीब अहमद की बायोग्राफी भी है. अपने लंबे करियर के शुरुआती अध्यायों की तैयारी करते हुए हबीब उत्साहित होकर कहते हैं, "मैं इस जीवनी संबंधी विवरण से बहुत सम्मानित और विनम्र हूं."
 
यह सब मैं लोगों के साथ कुछ यादगार घटनाओं के साथ साझा करना चाहता था जिसकी अनुमति यह पुस्तक देती है. उनका मानना है कि एक ऐसे देश में हेयर स्टाइलिंग के विकास को चित्रित करने के अलावा जहां यह वास्तव में मौजूद नहीं था, यह युवाओं को अपने सपनों को नहीं छोड़ने के लिए प्रेरित करेगा.
 
जावेद हबीब के दादा नजीर अहमद लॉर्ड माउंटबेटन समेत ब्रिटिश सरकार के बड़े अधिकारियों के पर्सनल हेयर ड्रेसर थे. 1947 में जब देश आजाद हुआ तो नजरी अहमद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के पर्सनल हेयर ड्रेसर बन गए. बाद में नजीर के बेटे और जावेद के पिता हबीब अहमद ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया. हबीब पूर्व पीएम नेहरू, ओबरॉय, राजमाता गायत्री देवी और देश के कई राष्ट्रपति के पर्सनल हेयर ड्रेसर रहे.
 
 
हबीब अहमद का परिवार भी राष्ट्रपति भवन में रहता था, जिस वजह से जावेद का जन्म भी वहीं हुआ. पिता से हेयर ड्रेसिंग के गुण सीखने के बाद जावेद को उनके पिता ने लंदन में हेयर डिजाइनिंग स्कूल भेज दिया. वहां जावेद ने अपने काम को ठीक से समझा और कुछ समय तक सनसिल्क में नौकरी भी की.जावेद होटल मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहते थे लेकिन उनके पिता उन्हें परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए लंदन भेज दिया.
 
लंदन में रहते हुए वह मैक्डोनल्ड के स्टोर से बेहद प्रभावित हुए और यहां से उन्हें बिजनेस करने का आइडिया आया. उन्होंने सोचा कि जब बर्गर दुनियाभर में बेचा जा सकता है तो हेयर ड्रेसिंग तो इंसान की जरूरत है, उसे भी बिजनेस के तौर पर आगे बढ़ाया जा सकता है. भारत लौटने के बाद जावेद ने पिता के सैलून में काम किया लेकिन उन्हें ज्यादा कुछ करने को नहीं मिल रहा था. इसके बाद उन्होंने केरल में पहला खुद का आउटलेट खोला.
 
 
हबीब अहमद के बेटे जावेद हबीब के दुबई, सिंगापुर, नेपाल और बंग्लादेश में भी सैलून है.
 
 
हबीब अहमद ने बताया कि वो अपने सारे ग्राहकों के साथ एक अलग रिश्ता कायम करने में सफल है और साथ ही वो अपनी यंग जनरेशन और छात्रों को सिखाते हैं कि आप सभी के पास एक शानदार दिमाग है और आप उसको पूर्ण इस्तेमाल करके ही सफलता हासिल कर सकते हैं हर एक क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए आपको स्ट्रगल करना ही पड़ता है जिसकी आगे जिंदगी के सफर में सभी कदर करते है आपको सम्मान मिलता है यानी की आपको आपकी महनत का सच्चा फल मिल जाता है. जिसे आज मैं अनुभव करता हूं. मुझे मेरी मेहनत का फल मिल रहा है.
 
बाल और सौंदर्य अकादमी (hair and beauty academy) के जरिए वो अपने छात्रों इस क्षेत्र में तालीम दे रहें हैं. 
 
 
 
जाहिर है हबीब अहमद को लाज़वाब हेयर स्टाइलिंग क्षेत्र में उम्दा कार्य करने के लिए कई अवार्ड्स से सम्मानित किया गया. आज भी उनको अनगिनत हेयर स्टाइलिंग सेमिनार और इवेंट्स में लेक्चर्स के लिए इन्वाइट किया जाता है.
 
हबीब के तीन बेटे - जावेद, परवेज और अमजद - पारिवारिक व्यवसाय को जारी रखे हुए हैं और अक्सर भारत और विदेशों में घूमते रहते हैं और अन्य हेयर स्टाइलिस्टों को प्रशिक्षण प्रदान करते हैं.