ज़हरा रेस्टोरेंट : जामिया के चार छात्रों ने शुरू किया, आज 500 से ज्यादा लोगों को दे रहे रोजगार

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 02-10-2023
ज़हरा रेस्टोरेंट : जामिया के चार छात्रों ने शुरू किया, आज 500 से ज्यादा लोगों को दे रहे रोजगार
ज़हरा रेस्टोरेंट : जामिया के चार छात्रों ने शुरू किया, आज 500 से ज्यादा लोगों को दे रहे रोजगार

 

मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली

आज हम आपको ज़हरा रेस्टोरेंट के बारे में बता रहे हैं, जिसने कम वक्त में दिल्ली में अपनी अलग पहचान बना ली है. इसके मालिकों का लक्ष्य है, दिल्ली समेत नोएडा के लोगों को लजीज बिरयानी परोसना.बिरयानी हाउस यानी ज़हरा रेस्टोरेंट की कहानी बहुत  दिलचस्प है और कुछ छत्रों  से जुड़ी  है.

इसे धरातल पर लाने  की तैयारी जामिया मिल्लिया इस्लामिया  परिसर में हुई. आज  दिल्ली और एनसीआर में  रेस्टोरेंट के आठ आउटलेट्स हैं जिसमें करीब 500 लोग काम करते हैं.

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जामिया के छात्र रहे हैं  संस्थापक

इसके बारे में जामिया मेट्रो स्टेशन के तिकोना पार्क के नजदीक मौजूद जहरा रेस्टोरेंट के कर्मी मोहम्मद रज़ा खान ने बताया, इसकी शुरुआत जामिया के परिसर से हुई . चार छात्रों ने  पढ़ाई के दौरान कारोबार करने के बारे में सोचा कि  क्यों न अपना एक स्टार्टअप स्थापित  किया जाए.

इसके बाद चारों ने मिलकर तिकोना पार्क के नजदीक  2015 में इसकी शुरुआत की.  हैदराबादी बिरयानी बेचना शुरू किया। कई सालों की  मेहनत रंग लाई और आज लोगों का भरोसा बढ़ चुका है.

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ज़हरा फाउंडेशन से सामाजिक कार्य

रजा खान ने बताया कि जेहरा असल में एक फाउंडेशन है जिसके माध्यम से हर वर्ष जरूरतमंद लोगों की सहायता, सलम इलाके में शिक्षा व्यवस्था , रमजान में फ्री इफ्तार का आयोजन किए जाते हैं . जेहरा शब्द का Concept कैसे आया ? वह इस पर कहते हैं कि ज़हरा दरअसल, एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है दिल को छूने वाला। इस  नाम के सहारे काम शुरू किया। आज एक ब्रांड गया है.

2025 तक दिल्ली व एनसीआर में जगह बनाने की कोशिश

ज़हरा रेस्टोरेंट में फाउंडर मेंबर चार लोग हैं जो आपस में दोस्त हैं. यूपी के आजमगढ़ जिले से आते हैं. उनकी कोशिश है कि साल 2025 तक दिल्ली व एनसीआर में हर जगह अपने ब्रांड को फैला दिया जाए, जिस पर तेजी से  काम हो रहा है.

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अपनी बारी का करना पड़ता है  इंतजार

ज़हरा रेस्टोरेंट इस समय खाने के शौकीन के लिए एक बड़ा सेंटर  बन गया है. यह  सिर्फ बिरयानी ही नहीं,  चिकन टिक्का आदि के लिए मशहूर है. विदेशी सैलानी भी ज़हरा का ज़ायका के लिए पहुंचते हैं.शाम होती है लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है तथा  देर रात  तक सड़क पर  अपनी बारी का इंतजार करती रहती  है.यहां अफगानिस्तान, ओमान, दुबई, ईरान वगैरह देशों से खाने के शौकीन पहुंचते हैं.

रजा खान ने बताया कि बिरयानी में जो मसाले का उपयोग आम तौर पर होता है,उसे हमारे यहां भी इस्तेमाल किया जाता है. कुछ मसाले ऐसे हैं जिसे हम खुद तैयार करते हैं, जिस लोगों को शेयर नहीं करते हैं.

500 से ज्यादा लोग काम करते हैं

दिल्ली के विभिन्न इलाके जैसे ओखला तिकोना पार्क के नजदीक दो, शाहीन बाग़ में एक, सीसी में एक, जाकिर नगर में एक समेत दूसरे इलाके में ज़हरा रेस्टोरेंट मौजूद हैं. जहां करीब 500से ज्यादा लोग काम करते हैं.

यहां तक  कैसे पहुंचे ?

अगर आप भी ज़हरा के लजीज खाने  क़े शौक़ीन  हैं तो आसानी से इसके किसी भी आउटलेट्स पर पहुंच सकते हैं. अगर आप मेट्रो से आना चाहते हैं तो जामिया मिल्लिया इस्लामिया मेट्रो से उतर कर पैदल 4 से 5 मिनट में तिकोना पार्क पहुंच जाएंगे . इसके अलावा शाहीन बाग मेट्रो स्टेशन से भी 10 से 15 मिनट में यहां पहुंचा जा सकता है.