सुहैल के संतूर वादन ने कश्मीर के संगीत को बनाया लोकप्रिय

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 01-01-2022
    संगीत बजाते हुए नूर मोहम्मद भट उर्फ ​​सुहैल संतूरलोकप्रिय
संगीत बजाते हुए नूर मोहम्मद भट उर्फ ​​सुहैल संतूरलोकप्रिय

 

एहसान फाजिली/  श्रीनगर
 
मध्य कश्मीर के बडगाम जिले का वथूरा क्षेत्र लोक रंगमंच - भांड - और पारंपरिक सूफियाना संगीत के लिए जाना जाता है. यहां के नूर मोहम्मद भट ने शादी की पार्टियों में बजने वाले डीजे के शोर को संतूर के शांत संगीत में बदल दिया है.

कश्मीर में पिछले दो वर्षों से कोविड -19 के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद, 28 वर्षीय नूर मोहम्मद भट, जिन्हें सुहैल संतूर के नाम से जाना जाता है, संतूर बजाकर सामाजिक समारोहों में कश्मीर संगीत से परिचय कराकर एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे है.
 
सुहैल संतूर ने आवाज- द वाॅयस को बताया, ‘‘मैं बचपन से संतूर और मंचीय अभिनय से प्रभावित रहा हूं.‘‘ सुहैल ने कहा, उनका सबसे बड़े मार्गदर्शक उनके पिता हैं. उनके पिता कई बॉलीवुड और स्थानीय फिल्मों में शहनाई बजाई है.
 
उनका कहना है कि वह अपने शिक्षकों मोहम्मद इस्माइल भट और आदिल तिब्बतबकल के हमेशा आभारी रहेंगे. उन्हांेनें कश्मीर विश्वविद्यालय में संगीत और ललित कला विभाग में उन्हें संगीत पढ़ाया है.
 
सुहैल संतून ने कहा,‘‘हालांकि यह पहले से लोकप्रिय है. बहुत से लोग शादी की पार्टियों में तेज  (डीजे और बैंड) पसंद नहीं करते. यह बात मैं काफी समय से नोटिस कर रहा हूं. ”
 
उन्होंने बताया कि ऐसे मौकों पर संतूर संगीत को पेश करने के विचार से वह प्रभावित हुए और मैं अपने मकसद में कामयाब रहा.  विवाह के शुभ अवसर पर बुजुर्ग उनके संगीत को खूब सराहते हैं.‘‘.
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सीनियर्स की सराहना ने प्रोत्साहित किया. वह तीन साल से शादियों और सामाजिक समारोहों में संतूर बजाकर अच्छी कमाई कर रहे. सुहैल संतूर ने टिप्पणी की, ‘‘बुजुर्ग इसे पसंद करते हैं, क्योंकि वे तार से ध्वनियों में पारंपरिक संगीत स्वाद की सराहना करते हैं.‘‘
 
पिछले तीन वर्षों से, वह पारिवारिक समारोहों, शादियों और वीआईपी या अन्य कार्यों में लोगों का मनोरंजन कर रहे है. हालांकि कार्यक्रम ‘‘कोविड प्रतिबंधों के कारण कम मिल रहे हैं.‘‘
 
 सुहैल संतूर ने कहा कि उन्हें विभिन्न स्थानों से संतूर प्रदर्शन के लिए निमंत्रण मिल रहे हैं. उनकी लोकप्रियता बढ़र ही है.
 
उन्होंने कहा,‘‘मुझे 2022 में विभिन्न आयोजनों के लिए लगभग 20 बुकिंग पहले ही मिल चुकी हैं.‘‘  इतना ही नहीं, सुहैल पिछले तीन साल से श्रीनगर के कुछ बड़े होटलों में आयोजित कार्यक्रमों और समारोहों में भी मनोरंजन करते रहे हैं.
 
सुहैल संतूर को मंच पर संगीत बजाने का पहला मौका 2009 में मिला. वह जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी द्वारा नई दिल्ली में सांस्कृतिक संसाधन प्रशिक्षण केंद्र में भाग लेने के लिए चुने गए छात्रों में से थे.
 
कला में उनके विशिष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें 2013 में छात्रवृत्ति भी मिली थी.सुहैल संतूर ने 2014-15 में कश्मीर विश्वविद्यालय से संगीत और ललित कला में बी ए पूरा किया है. अब वह मास्टर्स की डिग्री हासिल कर रहे हैं.