अमीर खुसरो का 720 वां उर्स शुरु, शेख बुरहानुद्दीन के पांच दिवसीय उर्स में भी देशभर से पहुंच रहे जायरीन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-04-2024
हजरत अमीर खुसरो का 720 वां उर्स फातेहा के साथ शुरु, शेख बुरहानुद्दीन के पांच दिवसीय उर्स में भी देशभर से पहुंच रहे हैं जायरीन
हजरत अमीर खुसरो का 720 वां उर्स फातेहा के साथ शुरु, शेख बुरहानुद्दीन के पांच दिवसीय उर्स में भी देशभर से पहुंच रहे हैं जायरीन

 

आवाज द वाॅयस ब्यूरो / नई दिल्ली / जयपुर
 
 दिल्ली रोड के जमवारामगढ़ स्थित हज़रत बाबा शेख बुरहानुद्दीन चिश्ती की दरगाह में  बुलन्द दरवाजे पर झण्डा रस्म के साथ पांच दिवसीय उर्स का आगाज हुआ.हर साल फसल कटने की खुशी में मनाया जाने वाला ताले वाले बाबा का मेला  शुरू हो गया. उधर, उर्दू भाषा के संस्थापक माने जाने वाले हजरत अमीर खुसरो का 720 वां उर्स शुक्रवार को मगरिब की नमाज (शाम के वक्त की नमाज) के बाद दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया के इमाम के फातेहा से शुरु हो गया, जो 30 अप्रैल तक चलेगा.
 
फातेहा के बाद देश के अंदर अमन व शांति व भाईचारे के लिए विशेष दुआ हुई.   अहले सुन्नत वल जमात की ओर से पहाड़गंज से निकला अकीदमंदों का जुलूस ताला गांव स्थित हजरत बुरहानुद्दीन चिश्ती की दरगाह पहुंचा और यहां झंडे की रस्म अदा की गई. लोगों ने मजार पर चादर पेश की.
 
भीलवाडा के हाजी बाबू खान व जयपुर पहाड़गंज से हाजी मोइन, हाजी हसीन,हाजी तैमूर के नेतृत्व में  जायरीन ने झण्डा रस्म अदा की. इससे पहले जयपुर व भीलवाड़ा से आए जायरीनो ने ताला प्रतापगढ़ रोड स्थित बाण गंगा नदी पुलिया पर नमाज अदा की एवं नदी से पैदल जुलुस के रूप में चलकर दरगाह पहुंचे और झंडे की रस्म अदा की.
 
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जायरीन का पुष्पवर्षा कर इस्तकबाल-

ताला दरगाह बाजार में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जायरीन का पुष्प वर्षा कर इस्तकबाल किया।दरगाह पहुंचने पर मेला कमेटी सदस्यों ने भी जायरीनो का स्वागत किया. दरगाह कमेटी खादिमान और सरपंच अमीर खान शेख ने बताया कि  शुक्रवार दोपहर में जुम्मे की नमाज अदा होगी इसके बाद शाम को मिलाद-शरीफ, तकरीर और कव्वाली का कार्यक्रम आयोजित होगा.
 
चप्पे चप्पे पर पुलिस का पहरा, मेले में तीसरी आंख की पेनी नजर

ताला उर्स मेले में कानून व्यवस्था चाक चौबंद है. मेले में कानून व्यवस्था के लिए एसपी ग्रामीण एसपी शांतनु सिंह के निर्देशन में मेला प्रभारी एएसपी बृज मोहन को मेला प्रभारी नियुक्त किया है. मेला प्रभारी ने बताया की जमवारामगढ़ पुलिस उपाधीक्षक प्रदीप गोयल,रायसर थानाप्रभारी महिंद्र सिंह शेखावत के अलावा जयपुर ग्रामीण के सीओ सर्किल के साथ आंधी,जमवारामगढ़, अमरसर,रेनवाल, काला डेरा शाहपुरा, जोबनेर सहित अन्य थानाधिकारी मेले की व्यवस्था संभालेंगे .
 
इसके अलावा यातायात के सुगम संचालन के लिए 3 इंटरसेप्टर ,3 हाइवे मोबाइल सहित 30 से अधिक ट्रैफिक पुलिसकर्मी, 85 प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर व 275 पुलिस के जवान चप्पे चप्पे पर तैनात रहेंगे. मोबाईल टीम तैनात रहेगी, जो अचरोल से चिलपली मोड़ तक अलग अलग सेक्टर के हिसाब से गस्त पर रहेगी।भीड़भाड़ वाले इलाके में निगरानी के लिए घुड़सवार पुलिसकर्मी नजर रखेंगे। साथ ही मनचलों पर कार्रवाई के लिए सादा वर्दी में पुलिस जाप्ता तैनात रहेगा.
 
पांच दिवसीय मेले के दौरान वाहनों की पार्किंग गांव के बाहर ताला जोहड़े में होगी। जयपुर की और से आने वाले वाहनों की पार्किंग ताला बाणगंगा नदी पुलिया के पास व अलवर, प्रतापगढ़, मनोहरपुर व गठवाडी से आने वाले वाहनों को ताला जोहड़े की पार्किंग में खड़ा करवाया जाएगा। रोड पर वाहन खड़े करने पर क्रेन से उठाकर जुर्माना वसूला जाएगा.
 
मेले में चिकित्सा व्यवस्था भी रहेगी निशुल्क

मेले में आने वाले जायरीनों के लिए चौमू स्थित सिद्धि विनायक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर द्वारा निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाएगा.
 
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उधर, उर्दू भाषा के संस्थापक माने जाने वाले हजरत अमीर खुसरो का 720 वां उर्स शुक्रवार को मगरिब की नमाज (शाम के वक्त की नमाज) के बाद दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया के इमाम के फातेहा से शुरु हो गया, जो 30 अप्रैल तक चलेगा. फातेहा के बाद देश के अंदर अमन व शांति व भाईचारे के लिए विशेष दुआ हुई.  
 
दरगाह शरीफ के इंचार्ज सैयद अनीस निजामी ने बताया कि हजरत अमीर खुसरो के 720वां सालगिरह के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी पाँच दिवसीय उर्स का आयोजन किया गया है जिसकी शुरुआत हो चुकी है. पहले दिन का प्रोग्राम कुरान की तिलावत से हुई.
 
मौके पर महफिल ए कव्वाली का आयोजन किया गया जिसमें दरगाह के दर्जनों कव्वालों ने अमीर खुसरों की गजलें पेश की.
 
शबान-ए-हिज्राँ दराज़ चूँ ज़ुल्फ़ ओ रोज़-ए-वसलत चूँ उम्र-ए-कोताह
सखी पिया को जो मैं न देखूँ तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ
 
ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ
कि ताब-ए-हिज्राँ नदारम ऐ जाँ न लेहू काहे लगाए छतियाँ
 
मोरे पिया घर आए
ऐ री सखी मोरे पिया घर आए
 
 कौन थे अमीर खुसरो?
 
मालूम हो कि अमीर खुसरो का जन्म 1253ई में उत्तर प्रदेश के वर्तमान जिले कासगंज के पटियाली में हुआ था. उसका नाम अमीनुद्दीन और उपाधि अबुल हसन थी. आम बोलचाल की भाषा में इन्हें अमीर खुसरो कहा जाता है. उनके पिता का नाम अमीर सैफ था. अमीर खुसरो हजरत निजामुद्दीन औलिया के भक्त थे, उनकी वफात 1325 ई. में हुई.
 
उर्स का बाकी कार्यक्रम:

  • 27 अप्रैल 2024 के रोज़ ईशा की नमाज के बाद बरी रात का आयोजन होगा, रोज़ा शरीफ के सामने लंगर और तबर्रुक परोसा जाएगा. 
  • 28 अप्रैल 2024 के दिन सुबह 11 बजे से बारा कुल शरीफ, और आम लोगों के लिए दुआ और कव्वाली का आयोजन होगा.
  • 29 अप्रैल 2024 के रोज़ सुबह 11 बजे कुरान की तिलावत, कुल दुआ शरीफ शांति के लिए, लंगर का वितरण और देर रात तक कव्वाली का आयोजन.
  •  30 अप्रैल 2024 के रोज़ सुबह 11 बजे, कुरान पाठ के साथ कुल शरीफ और मगरिब नमाज के बाद कव्वाली और दुआ के साथ 720वें उर्स का समापन समारोह होगा.
इनपुट: मोहम्मद अकरम, फरहान इसराइली