हजरत अमीर खुसरो का 720 वां सालाना उर्स: 26 अप्रैल से 30 अप्रैल तक

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 26-04-2024
हजरत अमीर खुसरो का 720 वां सालाना उर्स: 26 अप्रैल से 30 अप्रैल तक
हजरत अमीर खुसरो का 720 वां सालाना उर्स: 26 अप्रैल से 30 अप्रैल तक

 

नई दिल्ली

 उर्दू भाषा के संस्थापक, सूफी गायक और विद्वान कवि हजरत अमीर खुसरो की 720वीं सालगिरह के मौके पर पांच दिवसीय उर्स का आयोजन 26 अप्रैल से 30 अप्रैल तक दरगाह हजरत निजामुद्दीन में किया जाएगा.पीरजादा सैयद अल्तमश निजामी ने उर्स के बारे में बताया कि हजरत अमीर खुसरो के 720वां सालगिरह के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी कई दिनों तक कई तरह के प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश और विदेश के लोग शामिल होते हैं.

 कौन थे अमीर खुसरो?

मालूम हो कि अमीर खुसरो का जन्म 1253 ई. में उत्तर प्रदेश के वर्तमान जिले कासगंज के पटियाली में हुआ था. उसका नाम अमीनुद्दीन और उपाधि अबुल हसन थी. आम बोलचाल की भाषा में इन्हें अमीर खुसरो कहा जाता है. उनके पिता का नाम अमीर सैफ था. अमीर खुसरो हजरत निजामुद्दीन औलिया के भक्त थे, उनकी वफात 1325 ई. में हुई.

उर्स का कार्यक्रम:

  • 26 अप्रैल: मगरिब की नमाज के बाद कुरान की तिलावत और दुआ, महफिल-ए-शमा का आयोजन.
  • 27 अप्रैल: ईशा की नमाज के बाद बरी रात का आयोजन, लंगर और तबर्रुक का वितरण.
  • 28 अप्रैल: सुबह 11 बजे से बारा कुल शरीफ, आम लोगों के लिए दुआ और कव्वाली.
  • 29 अप्रैल: सुबह 11 बजे कुरान की तिलावत, कुल दुआ शांति के लिए, लंगर का वितरण, देर रात तक कव्वाली.
  • 30 अप्रैल: सुबह 11 बजे कुरान पाठ, कुल शरीफ, मगरिब नमाज के बाद कव्वाली और दुआ के साथ उर्स का समापन.

अमीर खुसरो का योगदान:

  1. अमीर खुसरो को भारतीय शास्त्रीय संगीत में महत्वपूर्ण माना जाता है.
  2. उन्हें तबला और सितार जैसे वाद्य यंत्रों का आविष्कारक माना जाता है.
  3. उन्हें विश्व की पहली उर्दू कविता लिखने का श्रेय भी दिया जाता है.
 
 
अधिक जानकारी:

  • स्थान: दरगाह हजरत निजामुद्दीन, नई दिल्ली
  • तिथि: 26 अप्रैल - 30 अप्रैल 2024
  • यह उर्स न केवल सूफी संप्रदाय के लोगों के लिए, बल्कि सभी धर्मों और पृष्ठभूमि के लोगों के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है.