जमीयत उलेमा का बड़ा फैसला, गुरुग्राम की मस्जिदों में नहीं पढ़ी जाएगी जुमे की नमाज, लोगों से अमन-चैन की दुआ की अपील
मलिक असगर हाशमी / गुरुग्राम
नूंह और गुरूग्राम की हिंसक घटनाओं को लेकर जमीयत उलेमा गुरूग्राम ने जुमे की नमाज को लेकर बड़ा फैसला किया है. शुक्रवार को जुमे की नमाज मस्जिदों में नहीं पढ़ी जाएगी.हालांकि दो दिन पहले नूंह में एक धार्मिक जुलूस पर हिंसक भीड़ द्वारा हमला करने और उसके बाद गुरूग्राम की एक मस्जिद के नायब इमाम को मौत के घाट उतारने के बाद स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. इसके लिए करीब पंद्रह टुकड़ी सुरक्षा बलों को लगाया है. बावजूद इसके जमीयत उलेमा गुरूग्राम ने मस्जिदों में जुमे की नमाज नहीं पढ़ाए जाने का निर्णय लिया है.
उन्होंने बुधवार देर शाम एक वीडियो संदेश जारी कर इस फैसले का ऐलान किया. उन्हांेने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि दो दिन पहले कुछ असामाजिक तत्वों ने शहर का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया. इस दौरान कुछ नुकसान भी हुआ, पर अभी शहर का अमन-चैन बरकरार है. इसके बावजूद कोरोना लॉकडाउन की तरह इस शुक्रवार मुसलमानों से अपने घरों में ही जुमे की नमाज अदा करने की अपील की गई है.
जमीयत उलेमा गुरूग्राम के सदर मुफ्ती सलीम कासमी ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि जुमे की नमाज मस्जिदों में जरूर होगी, पर इसमें केवल मस्जिदों के प्रबंधन से जुड़े चार-पांच लोग ही शामिल होंगे.मुफ्ती कासमी ने लोगों से जुमे की नमाज के लिए मस्जिद नहीं जाने की अपील की है.
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि जुमे की दिन शहर के जिन स्थानों पर खुले में नमाज पढ़ने की इजाजत हैै. इस शुक्रवार वहां भी नमाज नहीं पढ़ी जाएगी.उन्हांेने खुले में नमाज का इंतजाम करने वालों से इस जुमे में ऐसी व्यवस्था नहीं करने और नमाजियों को वहां नहीं आने की अपील की है.
मुफ्ती सलीम कासमी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि इस अपील पर न केवल अमल करें, अल्लाह से अमन और भाईचारा बनाए रखने के लिए दुआ भी करें.उधर, अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख और सज्जादानशीं हजरत दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने देशवासियों से अपील की है, ‘‘समाज में शांति और सदभाव कायम करने के लिए धर्म गुरु और समाज के जिम्मेदार आगे आएं.’’
दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा कि आज देश में जो माहौल बना है, विशेष रूप से हरियाणा के नूंह व अन्य जिलों में जो हो रहा है, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए पीड़ादायक और हानिकारक है.दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख ने कहा कि हमें समय रहते समाज में घुल रही नफरत और सांप्रदायिकता के इस विष को नष्ट करना होगा, वरना सांप्रदायिकता का यह विष देश के नौजवानों के भविष्य के साथ देश को भी गलत दिशा में ले जाएगा.
उन्होंने ने कहा कि में हरियाणा के सभी धर्म और पंथ के लोगों से अपील करता हूं कि आप शांति और धैर्य से काम लेकर एक जिम्मेदार हिंदुस्तानी होने का सबूत दें. समाज के दोनों तरफ के जिम्मेदार लोग आगे आएं और इस मौजूदा माहौल को शांत करने के सार्थक प्रयास करें.
सज्जादानशीं ने कहा कि में देश के सभी जिम्मेदार राजनेताओं से भी अपील करता हूं कि वे भी अपनी जबान पर संयम रखें. ऐसा कोई बयान न दें, जिससे लोगों के जज्बात भड़कें. वे याद रखें कि उनकी राजनीति इस देश से बढ़कर नहीं है. देश है, तो हम सब हैं. देश में शांति बनी रहे, इसके लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है.