पश्चिम एशिया की एक बेहद लजीज डिश अरबी पकवान

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  onikamaheshwari | Date 09-10-2023
Arabic dish, a very delicious dish of West Asia
Arabic dish, a very delicious dish of West Asia

 

मोहम्मद अकरम/ नई दिल्ली
 
दिल्ली वास्तव में भोजन के शौकीनों के लिए एक दिलचस्प राजधानी हैं. अफगान और मुगल राजवंशों की वंशावली के साथ, यह शहर कई तरह के व्यंजनों की एक शानदार श्रृंखला पेश करता है जो सदियों से दिल्ली के स्ट्रीट फूड मेन्यू का हिस्सा रहा हैं. 

पुरानी दिल्ली में स्वदेशी और विदेशी लजीज पकवानों का बाजार सजा हुआ हैं जहां लजीज और स्वादिष्ट व्यंजन लोगों को अपनी तरफ खींचता हैं. इसके अलावा दिल्ली के कई इलाकों में लजीज व्यंजन आपको मिल जाएंगे लेकिन बीते कुछ सालों से ओखला का इलाका लजीज खानों के भंडार के कारण अपनी अलग पहचान बनाए हुए है जहां लजीज बिरयानी, कबाब, अरबी व्यंजन, तुर्की पकवानों, अफगानी जायके का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं.
 
 
अरबी व्यंजन लोकप्रिय हो रहा है
आज हम अरबी पकवानों के बारे में बात करेंगे. पकवान को अरबी में अलमतबख़ (المطبخ ) कहते हैं. जो दिल्ली के व्यंजन के शौकीन के बीच लोकप्रिय हो रहा है. जहां आप पहुंच कर अरबी व्यंजन मंडी चिकन, रस अल हन्नोत, अल फहम, शार्वमा थाली, अरेबियन कबाब थाली का स्वाद ले सकते हैं. ये इतना लज़ीज़ होता है कि अगर आपने एक बार खा लिया तो आपका मन बार-बार खाना पसंद करेंगें.
 
शाहीन बाग़ और तिकोना पार्क खान-पान का अड्डा 
दरअसल, ओखला का शाहीन बाग़ और तिकोना पार्क इन दिनों खाने पीने के शौकीनों के लिए एक बड़ा अड्डा बन चुका हैं लेकिन उससे अलग हटकर जामिया नगर यानी ओखला विहार थाने के नजदीक मौजूद जायका रेस्टोरेंट लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है. जहां अरबी पकवान मिलते हैं और इसमें खास है “मंडी” जिसे आमतौर पर नीचे कालीन पर बैठ कर खाया जाता है, दक्षिण भारत में इसे खूब पसंद किया जाता है लेकिन दिल्ली के कई रेस्तरां में कुर्सी पर बैठ कर लोग खाना पसंद करते हैं.
 
 
कैसे तैयार की जाती हैं मंडी
मंडी एक अरबी व्यंजन है, इसके बारे में खानसामा (सूपकार) शेख मोहम्मद गुफ़रान जो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाले हैं, उन्होंने गुजरात के एक मदरसे से पढ़ाई की है, उन्होंने विस्तार पूर्वक बताया कि सबसे पहले पानी के अंदर खड़े मसाले डाले जाते हैं और उसमें लौंग, दालचीनी, केसर और इलायची डाली जाती है, उसके बाद जब पानी पूरी तरह गर्म हो जाता है तो उसके ऊपर जाली रख कर चिकन को रखा जाता है, गोश्त को गर्म पानी के ऊपर रखने से पहले उसे बारह घंटे तक मसाला लगा कर छोड़ दिया जाता हैं, यानी सिर्फ भाप के सहारे गोश्त को तैयार किया जाता है. 
 
 
हैदराबादी वर्जन 
दिल्ली में मिल रहा मंडी या हैदराबादी मंडी थोड़ा अलग है. अरबों को मिर्च पाउडर पसंद नहीं है. लेकिन हैदराबादी लोग छोले, मूंगफली और हरी मिर्च जैसी कई सामग्रियां और मसाले मिलाते हैं. 
 
फिर, उसी पानी से चावल तैयार किया जाता है, उसके बाद उसे बाहर निकाल कर उसके ऊपर गोश्त रखा जाता है जिसे अरेबियन मंडी कहा जाता है. अरेबियन मंडी हैदराबाद के ज्यादातर रेस्तरां में मिलता है जिसके लिए लोग घंटों लाइन में अपनी बारी का इंतजार करते हैं.
 
 
कबाब में नहीं इस्तेमाल होता है तेल
मोहम्मद गुफरान ने अरबियन कबाब के बारे में बताया कि इसे तैयार करने में तेल का प्रयोग नहीं किया जाता है. इसमें सिर्फ काजू और किशमिश डाली जाती है, जिससे इसका जायका अलग होता है और लोग ज्यादा पसंद करते हैं. इसे तैयार करने के दौरान पानी नहीं निकलता है.
 
कब हुई इस रेस्टोरेंट की शुरुआत
जायका रेस्टोरेंट की शुरुआत वर्ष 2008 में हुई, इस रेस्टोरेंट का दूसरा ब्रांच शाहीन बाग़ में है. इसके मालिक आबैदुल्लाह करशी नामी शख्स है जो मूलत: बिहार के रहने वाले हैं और विदेश के कई बड़े शहरों में पकवान बनाने के मुकाबले में कामयाबी हासिल कर चुके हैं.
 
 
लोग मंडी पसंद कर रहे हैं
इस रेस्टोरेंट के सिनियर मैनेजर मोहम्मद हुसैन ने बताया कि हमारे यहां लोगों को अरेबियन व्यंजन के अलावा तुर्की, अफगानी, मुगली खाना परोसा जाता है. हमारे यहां कई बार विदेश से खाने के लिए लोग आते पहुंचे हैं और ऑनलाइन दूर-दूर तक खाना मंगवाते है. लोग सबसे ज्यादा अरबी मंडी पसंद कर रहे हैं. 
 
आप कैसे पहुंच सकते हैं यहां?
अगर आप भी अरेबियन व्यंजन के खाने का शौक रखते हैं तो ये जगह आपके लिए बेहतर है. यहां आप आसानी के साथ पहुंच सकते हैं. दिल्ली या एनसीआर के किसी भी कोने से अबुल फजल या ओखला शाहीन बाग़ बस के द्वारा पहुंच सकते है. जामिया नगर थाने के नजदीक पहुंच सकते हैं जहां ये मौजूद है. दूसरा रास्ता मेट्रो है, जो बहुत आसान हैं आप ओखला विहार मेट्रो स्टेशन के गेट नम्बर एक या दो से उतर कर आसानी से यहां पहुंच सकते हैं.