नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुँच गया है। गुरुवार को लोहे के पुल से मिली तस्वीरों में पानी का स्तर 205 मीटर के पास देखा गया।
भारी वर्षा के कारण 1.78 लाख क्यूसेक पानी यमुना में आने के बाद हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोले गए, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ गया है। बीते कुछ हफ्तों से जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव के चलते प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
बुधवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना बाजार क्षेत्र का दौरा किया, जहाँ नदी का पानी रिहायशी इलाकों में घुस आया था। उन्होंने आश्वासन दिया कि दिल्ली में बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है और एक-दो दिनों में पानी घट जाएगा।
सीएम गुप्ता ने कहा, “स्थिति नियंत्रण में है। सुबह जलस्तर लगभग 206 मीटर के करीब था, लेकिन यह इससे ऊपर नहीं गया। पानी एक-दो दिन में उतर जाएगा। यहाँ भोजन, पानी और स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। ज़रूरत पड़ने पर प्रभावित लोगों के लिए स्कूलों में ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई है।”
यमुना के खतरे के निशान के करीब पहुँचने के कारण नदी किनारे बसे इलाकों में पानी घुस गया है। आईटीओ से मिले दृश्य भी दिखाते हैं कि पानी का स्तर तेजी से खतरे की सीमा के पास है, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता विजय गर्ग ने बताया, “हालिया बारिश के बाद 1.78 लाख क्यूसेक पानी यमुना में आया है। यह इस सीजन का सबसे ऊँचा जलस्तर है।”लगातार हो रही बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है।