विश्व तनाव से गुजर रहा है, योग शांति की दिशा देता है: प्रधानमंत्री मोदी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 21-06-2025
World going through tensions, Yoga gives direction of peace: PM Modi
World going through tensions, Yoga gives direction of peace: PM Modi

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
विशाखापत्तनम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पूरी दुनिया किसी न किसी तरह के तनाव से गुजर रही है, कई क्षेत्र अशांति और अस्थिरता का सामना कर रहे हैं, और योग शांति की दिशा देता है और एकता लाता है.
 
यहां 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यह दिन मानवता के लिए प्राचीन अभ्यास की शुरुआत का प्रतीक है, जहां आंतरिक शांति एक वैश्विक नीति बन जाती है.
 
"दुर्भाग्य से, आज पूरी दुनिया किसी न किसी तरह के तनाव से गुजर रही है. कई क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है. ऐसी स्थिति में योग हमें शांति की दिशा देता है. योग वह विराम बटन है जिसकी मानवता को सांस लेने, संतुलन बनाने और फिर से संपूर्ण बनने के लिए जरूरत है," उन्होंने कहा.
 
"मेरा दुनिया से अनुरोध है- इस योग दिवस को मानवता के लिए योग 2.0 की शुरुआत का प्रतीक बनाएं, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन जाए," पीएम ने कहा.
 
उन्होंने कहा कि योग का सार "एकजुट होना" है, और यह देखना उत्साहजनक है कि योग ने दुनिया को कैसे एकजुट किया है.
 
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि योग हर किसी के लिए है, चाहे वह किसी भी सीमा, पृष्ठभूमि, उम्र या क्षमता से परे हो. उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम - "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" - एक गहरी सच्चाई को दर्शाती है, कि पृथ्वी पर हर इकाई का स्वास्थ्य आपस में जुड़ा हुआ है.
 
यह देखकर गर्व महसूस करते हुए कि कैसे दिव्यांग व्यक्ति ब्रेल में योग संबंधी पाठ पढ़ रहे हैं, मोदी ने कहा कि वैज्ञानिक अंतरिक्ष में भी योग का अभ्यास कर रहे हैं.
 
उन्होंने आगे कहा कि मानव कल्याण उस मिट्टी के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है जो भोजन उगाती है, नदियों पर जो पानी देती हैं, और उन जानवरों के स्वास्थ्य पर जो पारिस्थितिकी तंत्र को साझा करते हैं और पौधों पर जो पोषण करते हैं.
 
योग हमें इस परस्पर जुड़ाव के प्रति जागरूक करता है. मोदी ने कहा कि योग हमें दुनिया के साथ एकता की ओर ले जाता है और सिखाता है कि लोग अलग-थलग व्यक्ति नहीं हैं बल्कि प्रकृति का हिस्सा हैं.
 
उन्होंने कहा, "योग एक महान व्यक्तिगत अनुशासन है. साथ ही, यह एक ऐसी प्रणाली है जो हमें मैं से हम की ओर ले जाती है. आइए इस योग दिवस को मानवता के लिए योग की शुरुआत का प्रतीक बनाएं, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन जाती है." उन्होंने कहा कि जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाए, तो कुछ ही समय में 175 देशों ने इसे स्वीकार कर लिया. उन्होंने आगे कहा कि 11 साल बाद योग अब दुनिया भर के करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है. मोदी ने कहा, "सिडनी ओपेरा हाउस हो या एवरेस्ट पर्वत या समुद्र की गहराई, संदेश यही है कि योग सबके लिए है." भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमें "सर्वे भवन्तु सुखिनः" का मूल्य सिखाती है - सभी का कल्याण हमारा पवित्र कर्तव्य है - और 'मैं' से 'हम' तक की यह यात्रा सेवा, समर्पण और सह-अस्तित्व की नींव रखती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यही सोच सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देती है. इस बात पर जोर देते हुए कि योग केवल एक व्यक्तिगत अभ्यास नहीं रहना चाहिए, मोदी ने कहा कि इसे वैश्विक साझेदारी के माध्यम के रूप में विकसित होना चाहिए. उन्होंने प्रत्येक राष्ट्र और समाज से योग को अपनी जीवनशैली और सार्वजनिक नीति में शामिल करने तथा शांतिपूर्ण, संतुलित और टिकाऊ विश्व को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास की कल्पना करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, "योग को दुनिया को संघर्ष से सहयोग और तनाव से समाधान की ओर ले जाना चाहिए." इसके अलावा, मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के माध्यम से, योग और स्वास्थ्य के संदेश को पूरे देश में सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है. भारत में उपचार लोकप्रिय हो रहा है. भारत उपचार के लिए सबसे अच्छा गंतव्य है और योग इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, उन्होंने कहा कि बढ़ता मोटापा एक वैश्विक चुनौती है. मैंने मन की बात में इस पर चर्चा की है. मैंने तेल के सेवन में 10 प्रतिशत की कटौती करने की चुनौती शुरू की है. मैं आज इसे दोहराता हूं. उन्होंने कहा कि इस मामले में जागरूकता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक ने इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, योग पोर्टल और योगआंध्र पोर्टल के माध्यम से देश भर में दस लाख से अधिक कार्यक्रम पंजीकृत किए गए हैं. प्रधानमंत्री के अनुसार, भारत के हर कोने में होने वाले कार्यक्रमों का पैमाना योग के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है. मोदी ने संतोष व्यक्त किया कि इसे मानकीकृत करने के लिए एक सामान्य योग प्रोटोकॉल विकसित किया गया है.
 
योग प्रमाणन बोर्ड के प्रयासों को रेखांकित करते हुए, जिसने 6.5 लाख से अधिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया है और लगभग 130 संस्थानों को मान्यता दी है, पीएम ने समग्र कल्याण पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के हिस्से के रूप में मेडिकल कॉलेजों में 10-दिवसीय योग मॉड्यूल को शामिल करने का उल्लेख किया.
 
उन्होंने बताया कि देश भर में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में प्रशिक्षित योग शिक्षकों को तैनात किया जा रहा है.
 
यह सुनिश्चित करने के लिए कि वैश्विक समुदाय भारत के कल्याण पारिस्थितिकी तंत्र से लाभान्वित हो, उन्होंने विशेष ई-आयुष वीजा के प्रावधान की घोषणा की.
 
उन्होंने सभी से योग को एक जन आंदोलन में बदलने का आह्वान किया ताकि दुनिया को शांति, स्वास्थ्य और सद्भाव की ओर ले जाया जा सके.
 
उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से जीवन में संतुलन लाने के लिए अपने दिन की शुरुआत योग से करने का आग्रह किया और प्रत्येक समाज से तनाव मुक्त होने के लिए योग को अपनाने का आह्वान किया.