यूपी-नेपाल सीमा पर जंगली हाथियों का कहर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 24-09-2021
यूपी-नेपाल सीमा पर जंगली हाथियों का कहर
यूपी-नेपाल सीमा पर जंगली हाथियों का कहर

 

लखीमपुर खीरी. दो हफ्ते पहले लखीमपुर खीरी में नेपाल से भटक कर आए करीब 15 हाथी अब इस क्षेत्र में कहर बरपा रहे हैं. झुंड ने पहले ही कई एकड़ में खड़ी फसल को नष्ट कर दिया है और यहां तक कि एक मंदिर के द्वार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है.

 
संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) समीर कुमार ने कहा कि झुंड में हाथी के दो बच्चों सहित लगभग 15 हाथी शामिल हैं.
 
उसी झुंड ने जुलाई में दुधवा टाइगर रिजर्व की मैलानी रेंज से दूसरे जंगल में जाने की कोशिश की, लेकिन आगे बढ़ने के लिए एक गलियारा खोजने में नाकाम रहने के बाद वापस लौट आए.
 
झुंड फिर पीलीभीत चला गया और फिर दूसरे झुंड के साथ एकजुट होकर बुधवार को महेशपुर रेंज में लौट आया.
 
स्थानीय वन्यजीव विशेषज्ञ राजेश सिंह ने कहा, "आखिरी बार जंगली हाथियों ने 1988-89 में यहां प्रवास किया था. इस झुंड में दो युवा हाथी हैं और हाथी अपने बच्चों के लिए काफी सुरक्षात्मक हैं और कभी भी आक्रामक हो सकते हैं. वे रात में गन्ने के खेतों को निशाना बनाते हैं। उन्होंने मल्लापुर गांव में कई किसानों के गन्ना के खेतों को नष्ट कर दिया है. हम झुंड को दूर रखने के लिए गांव के बाहर आग जला रहे हैं, मिर्च, पटाखे और ढोल के साथ धुएं का उपयोग कर रहे हैं. हम पीलीभीत से खीरी जिले में प्रवेश करने के बाद से उनके मूवमेंट की निगरानी कर रहे हैं."
 
किसानों का दावा है कि हाथियों ने धान की फसल को कुचल कर नष्ट कर दिया है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है.
 
डीएफओ ने कहा, "गन्ने के खेत संभवत यहां हाथियों को आकर्षित कर रहे हैं. हाथी अब जंगलों के ओनला ब्लॉक में पहुंच गए हैं और यहां से कोई वन क्षेत्र नहीं है. हमारा रेंजर अपनी टीम के साथ क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं और स्थानीय लोगों की मदद से पशु और आदमी के संघर्ष की संभावना को कम करने की कोशिश कर रहा है."