मुंगेर. दुनिया भर में विश्व अरबी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य अरबी भाषा की महानता और इसके वैश्विक और धार्मिक प्रभाव को उजागर करना है. इस अवसर पर खानकाह रहमानी मुंगेर निवासी अमीर-ए-शरीयत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने विशेष बयान जारी कर, अरबी भाषा को इस्लाम धर्म और मुसलमानों के जीवन का अभिन्न अंग करार दिया. उन्होंने आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह बात कही.
मौलाना रहमानी ने कहा कि अरबी भाषा का एक बड़ा स्थान है, क्योंकि यह पवित्र कुरान की भाषा है, जो सभी मानव जाति के मार्गदर्शन के लिए पवित्र पुस्तक है और अंतिम पैगंबर और दूत हजरत मुहम्मद (शांति उस पर हो) की भाषा है. इस्लामी सभ्यता, संस्कृति, विज्ञान और ज्ञान की भाषा का स्रोत, उत्पत्ति और संदर्भ है. खास बात यह है कि जन्नत के लोगों की भाषा भी अरबी होगी.
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अरबी भाषा दिवस हमें अरबी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है. इस अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अरबी भाषा सीखने, समझने और अपनाने के लिए गंभीर प्रयास करेंगे तथा अपनी भावी पीढ़ियों को भी इस भाषा से परिचित कराएंगे. अरबी सीखना न केवल एक धार्मिक आवश्यकता है, बल्कि यह हमारी इस्लामी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा और स्रोत है, क्योंकि यह भाषा दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा बोली जाती है और इसे अंतर्राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त है.
उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों को कम उम्र से ही अरबी भाषा सिखाने का आह्वान किया, ताकि वे न केवल धर्म को बेहतर ढंग से समझ सकें, बल्कि इस्लामी संस्कृति के साथ मजबूत संबंध भी बनाए रख सकें.
मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने इस बात पर जोर दिया कि अरबी भाषा को अपने जीवन का हिस्सा बनाना हम मुसलमानों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. हमें अपने दैनिक जीवन में इसका प्रयोग करना चाहिए तथा अपनी उपासना और धार्मिक मामलों को बेहतर बनाने के लिए इसमें निपुणता हासिल करनी चाहिए.
अंत में, उन्होंने प्रार्थना की कि अल्लाह हमें अरबी भाषा सीखने, सिखाने, समझने, समझाने, इसे अपनी मातृभाषा की तरह अपनाने और इसे अच्छी तरह से बढ़ावा देने और प्रसारित करने की क्षमता प्रदान करे. साथ ही उन्होंने अपील की कि जो लोग अरबी भाषा से प्रेम करते हैं, उन्हें अरबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए अधिक शैक्षिक कार्यक्रम और प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करनी चाहिए.
विश्व अरब दिवस के अवसर पर यह संदेश हम सभी को याद दिलाता है कि हम अरबी भाषा को अपनाकर अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करें और इस्लामी एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं.