विजय दिवस 2025: दक्षिणी कमान ने पुणे में शौर्य और बलिदान को दी श्रद्धांजलि, वीर नारियों और युद्ध-वयोवृद्धों का सम्मान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 17-12-2025
Vijay Diwas 2025: Southern Command pays tribute to valor and sacrifice in Pune, honors Veer Naris (war widows) and war veterans.
Vijay Diwas 2025: Southern Command pays tribute to valor and sacrifice in Pune, honors Veer Naris (war widows) and war veterans.

 

पुणे,

1971 के भारत–पाक युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय की 54वीं वर्षगांठ के अवसर पर विजय दिवस 2025 को पुणे स्थित दक्षिणी कमान युद्ध स्मारक पर पूरे सैन्य गौरव, गरिमा और श्रद्धा के साथ मनाया गया। यह आयोजन 16 दिसंबर को सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के सेवारत जवानों तथा पूर्व सैनिकों की उपस्थिति में कार्यक्रम का नेतृत्व किया।

युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पण, शहीदों को नमन

समारोह का केंद्रीय आकर्षण युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पण का कार्यक्रम रहा। लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने दक्षिणी कमान के समस्त रैंकों की ओर से स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन वीर सैनिकों, वायुसैनिकों और नौसैनिकों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने देश की संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।इस दौरान उपस्थित सभी अधिकारियों, जवानों और पूर्व सैनिकों ने दो मिनट का मौन रखकर 1971 के युद्ध में शहीद हुए रणबांकुरों के प्रति सामूहिक स्मरण और कृतज्ञता व्यक्त की।

1971 युद्ध के दिग्गजों और वीर नारियों का सम्मान

विजय दिवस समारोह के अंतर्गत 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले वयोवृद्ध सैनिकों को उनकी विशिष्ट सेवा और भारत की महान सैन्य विजय में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही वीर नारियों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जिनके साहस, धैर्य और त्याग को भारतीय सशस्त्र बलों की मूल भावना का अभिन्न हिस्सा बताया गया।

इस सम्मान समारोह के माध्यम से भारतीय सेना ने यह संदेश दिया कि वह अपने पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवारों के सम्मान और देखभाल के प्रति सदैव प्रतिबद्ध है तथा आने वाली पीढ़ियों तक शौर्य, कर्तव्य और बलिदान की विरासत को संजोकर रखेगी।

पीढ़ियों को जोड़ता संवाद, सेवा और विजय की साझा विरासत

कार्यक्रम का समापन दक्षिणी कमान संग्रहालय के प्रांगण में आयोजित एक संवाद सत्र के साथ हुआ, जहां सेना कमांडर ने सेवारत जवानों, वीर नारियों और पूर्व सैनिकों से संवाद किया। यह संवाद उस अटूट बंधन का प्रतीक रहा, जो पीढ़ियों को सेवा, बलिदान और विजय की साझा परंपरा से जोड़ता है।विजय दिवस 2025 का यह आयोजन न केवल 1971 की ऐतिहासिक जीत का स्मरण था, बल्कि यह राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों के प्रति श्रद्धा, सम्मान और संकल्प को भी पुनः सुदृढ़ करने का अवसर बना।