नयी दिल्ली
‘नेशनल हेराल्ड’ मामले को लेकर कांग्रेस सांसदों ने बुधवार को संसद परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उस दिन किया गया, जब दिल्ली की एक अदालत ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पांच अन्य के खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। अदालत के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए माफी और इस्तीफे की मांग की।
कांग्रेस सांसद संसद भवन के मकर द्वार के निकट एकत्र हुए और हाथों में बड़े-बड़े बैनर लेकर नारेबाजी की। बैनरों पर ‘सत्यमेव जयते’ लिखा हुआ था, जबकि सांसदों ने ‘प्रधानमंत्री माफी मांगो’ और ‘प्रधानमंत्री इस्तीफा दो’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का प्रयास किया है।
कांग्रेस का आरोप है कि ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में ईडी की कार्रवाई पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य पार्टी नेतृत्व को बदनाम करना है। पार्टी नेताओं ने कहा कि अदालत के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि इस मामले में कानूनी आधार कमजोर है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में दाखिल आरोपपत्र किसी मूल अपराध से संबंधित प्राथमिकी पर आधारित नहीं है, बल्कि एक निजी व्यक्ति की शिकायत पर शुरू की गई जांच के आधार पर तैयार किया गया है। इसी कारण अदालत ने आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया।
कांग्रेस ने इस फैसले को लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जीत बताते हुए कहा कि वह सरकार की कथित दमनकारी नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी।