नई दिल्ली।
लाल किले में प्रवेश करते हुए किसी भी प्रतिनिधि को इस समय बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से होकर गुजरना पड़ता है। दिल्ली के चांदनी चौक की ओर से आने वाले प्रतिनिधियों को पहले कई परतों वाले घुमावदार बैरिकेड्स से निकलना होता है, जिसके बाद वे कड़ी सुरक्षा वाले लाहौरी गेट क्षेत्र से आगे बढ़कर बैठक स्थल तक पहुंचते हैं।
दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान मुगलकालीन इस धरोहर परिसर—जो कि यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है—की बाहरी परिधि से लेकर भीतर तक हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।
भारत 8 दिसंबर से 13 दिसंबर तक लाल किले में यूनेस्को की 20वीं अंतर-सरकारी समिति की बैठक की मेजबानी कर रहा है, जिसमें अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा पर विचार-विमर्श हो रहा है। यह पहली बार है जब यह बैठक भारत में आयोजित की जा रही है।
यह आयोजन उस पृष्ठभूमि में हो रहा है जब 10 नवंबर को लाल किले में हुए विस्फोट में 15 लोगों की मौत हो गई थी और दो दर्जन से अधिक घायल हो गए थे।लाल किला परिसर, जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन है, 5 दिसंबर से आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है और इसे 14 दिसंबर तक बंद रखने की घोषणा की गई है।
विस्फोट स्थल के पास दिल्ली पुलिस के बैरिकेड्स जटिल तरीके से लगाए गए हैं। एक पुलिसकर्मी ने बताया कि लाला किला मेट्रो स्टेशन के पास सड़क किनारे अब भी काले धुएं की परत देखी जा सकती है।उन्होंने कहा,“यहीं नवंबर में धमाका हुआ था। चूंकि यह एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन है, इसलिए 24 घंटे सुरक्षा बेहद सख्त रखी जा रही है।”
केवल वे प्रतिनिधि और पत्रकार जिन्हें यूनेस्को और भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बैज जारी किए गए हैं, वे ही भीतर प्रवेश कर सकते हैं। दिल्ली गेट की ओर से सीआईएसएफ के सशस्त्र जवान चौकसी में तैनात हैं।अंदर भी सुरक्षा जवान लगातार गश्त कर रहे हैं। रात होते ही बाइक-स्वार पुलिसकर्मी लाहौरी गेट से दिल्ली गेट तक की परिधि पर निगरानी बढ़ा देते हैं।
7 दिसंबर को आयोजित उद्घाटन समारोह में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, यूनेस्को के महानिदेशक खालिद एल-एनानी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भारत की यूनेस्को प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख विशाल वी. शर्मा उपस्थित थे।
बुधवार को भारत के दीपावली उत्सव को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किए जाने की भी औपचारिक घोषणा की गई।
शाम को दीवान-ए-आम के सामने लॉन में सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रिभोज का आयोजन किया गया, जिसके दौरान सुरक्षा और भी सख्त कर दी गई थी।यूएई प्रतिनिधिमंडल के अबू धाबी निवासी वलीद अल हलानी ने कहा,“भारत पहली बार आने में बहुत आनंद मिला। यहां की संस्कृति और लोगों को नज़दीक से जानने का अवसर मिला।”
वहीं, ओल्ड लाजपत राय मार्केट के व्यापारी अभी भी विस्फोट की घटना को धीमी आवाज़ में याद करते हैं।एक दुकानदार ने कहा,“जीवन आगे बढ़ना होता है, पर घाव अभी भी ताज़ा हैं।”
लाल किला देश का प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो प्रतिदिन भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है।मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा निर्मित यह विशाल दुर्ग 1638 से 1648 के बीच दस वर्षों में बनकर तैयार हुआ था और आज भी इसकी विशाल दीवारें इसे ऐतिहासिक शान का प्रतीक बनाती हैं।