जम्मू कश्मीर में मूसलाधार बारिश; मकान ढहने से दो लोगों की मौत, प्रमुख सड़कें बंद

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 03-09-2025
Torrential rain in Jammu and Kashmir; Two people died due to house collapse, major roads closed
Torrential rain in Jammu and Kashmir; Two people died due to house collapse, major roads closed

 

जम्मू/श्रीनगर

समूचे जम्मू कश्मीर में बुधवार को भारी बारिश के कारण वर्षा जनित घटना में एक महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई, जबकि बाढ़ग्रस्त अखनूर के एक गांव में 40 लोग फंस गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अनंतनाग जिले में पुलिस ने भारी बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने से एक पुल के नीचे फंसे 25 बंजारा परिवारों को बचाया।

उन्होंने बताया कि बारिश के कारण नदियों, नालों और छोटी नदियों में जलस्तर बढ़ गया है जो पहले से ही खतरे के निशान के करीब या उससे ऊपर बह रही हैं, जबकि उधमपुर और बनिहाल के बीच कई जगह भूस्खलन होने के कारण सभी मौसम में खुली रहने वाले श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग सहित प्रमुख सड़कें दूसरे दिन भी बंद रहीं।

खराब मौसम के कारण घाटी और जम्मू क्षेत्र में शिक्षण संस्थान बंद रहे।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के कार्यालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि मुख्यमंत्री ने स्थिति का आकलन करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।

अब्दुल्ला ने प्रशासन को जमीनी कार्रवाई तेज करने, जलजमाव वाले इलाकों से लोगों को निकालने, जरूरी सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, संवेदनशील इलाकों से समय पर लोगों की निकासी और तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।

अधिकारियों ने बताया कि बुधवार तड़के राजौरी जिले के सुंदरबनी के कांगड़ी गांव में बारिश के कारण एक कच्चा मकान ढह जाने से मां-बेटी की मौत हो गई। दोनों के शव मलबे से निकाले गए और पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिए गए।

अधिकारियों ने बताया कि चेनाब नदी में उफान के कारण अखनूर के गरखल गांव में कम से कम 40 लोग फंस गए हैं। चेनाब नदी आज सुबह निकासी स्तर 42 फुट से चार फुट ऊपर बह रही थी। उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और पुलिस की टीम लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए गांव पहुंच गई हैं।

पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बारिश के कारण पुलवामा, शोपियां और कुलगाम समेत दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है।

अनंतनाग जिला पुलिस के एक प्रवक्ता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अनंतनाग पुलिस ने आंग अंजवाला में तेजी से बचाव अभियान चलाया और लिद्दर नाले में अचानक जलस्तर बढ़ने के कारण फंसे 25 बंजारा परिवारों को सुरक्षित बाहर निकाला।’’

उन्होंने कहा कि बचाए गए परिवारों को तत्काल राहत प्रदान की गई।

अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी कुलगाम जिले में मंगलवार रात वैशोव नाले में जलस्तर बढ़ने के बाद पुलिस ने ब्राजलू गांव से पांच बंजारा परिवारों को बचाया।

दक्षिण कश्मीर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में जलाशयों में जलस्तर काफी बढ़ने के बीच वहां आपातकालीन हेल्पलाइन स्थापित की गई हैं।

पुलिस और नागरिक प्रशासन ने आम जनता को सलाह जारी की है कि वे खराब मौसम को देखते हुए जलाशयों के पास न जाएं।

कश्मीर घाटी के कई इलाकों में फिर से ताजा बारिश हुई, जिसमें दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के काजीगुंड में 90.6 मिलीमीटर, अनंतनाग जिले के कोकरनाग में 89 मिलीमीटर और पहलगाम में 64.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि श्रीनगर में पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे तक पिछले 27 घंटों के दौरान 46.1 मिलीमीटर बारिश हुई।

अपराह्न एक बजे अनंतनाग के संगम में झेलम का ‘अपस्ट्रीम गेज रीडिंग’ 25 फुट के खतरे के निशान के करीब था और श्रीनगर के राम मुंशीबाग में ‘डाउनस्ट्रीम’ लगभग 17 फुट था, जो चेतावनी स्तर से सिर्फ एक फुट और खतरे के निशान से चार फुट ही नीचे था।

अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के अशाम में झेलम का गेज रीडिंग चेतावनी स्तर से लगभग छह फुट नीचे 8.59 फुट था।

हालांकि, श्रीनगर में दोपहर के आसपास बारिश रुक गई, लेकिन बादल छाए रहे। बारिश जारी रहने के कारण जम्मू क्षेत्र में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि सुबह आठ बजे जम्मू के तवी में जलस्तर 15 फुट दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से एक फुट ऊपर है।

उन्होंने बताया कि जम्मू के भगवती नगर के पास चौथे तवी पुल को एहतियात के तौर पर मंगलवार देर शाम वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया। 26 अगस्त को हुई रिकॉर्ड बारिश में पुल को नुकसान पहुंचा था और सेना ने 29 अगस्त को एक ‘बेली ब्रिज’ (अस्थायी लोहे का पुल) का निर्माण करके संपर्क बहाल किया था।

मंगलवार रात आठ बजकर 50 मिनट पर ताजा मौसम पूर्वानुमान जारी करते हुए मौसम विभाग के एक प्रवक्ता ने अगले 14 से 16 घंटों के दौरान जम्मू, कठुआ, रियासी, डोडा, उधमपुर, राजौरी और रामबन जिले में कई जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है।

उन्होंने अगले 14 से 16 घंटों के दौरान किश्तवाड़, पुंछ, अनंतनाग, शोपियां और कुलगाम में भारी बारिश के साथ पीर पंजाल रेंज और दक्षिण कश्मीर के कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश या कुछ समय के लिए तीव्र वर्षा का पूर्वानुमान जताया है।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कुछ संवेदनशील स्थानों पर बादल फटने, अचानक बाढ़, भूस्खलन और जलजमाव की आशंका है।’’

उन्होंने कहा कि जम्मू क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में रात भर भारी बारिश दर्ज की गई, जिसमें रियासी में सुबह सुबह साढ़े आठ बजे तक सबसे अधिक 203 मिलीमीटर बारिश हुई, इसके बाद कटरा (193 मिलीमीटर), रामबन में बटोटे (157.3 मिलीमीटर), डोडा (114 मिलीमीटर), बनिहाल (95 मिलीमीटर), जम्मू (81 मिलीमीटर), रामबन (82 मिलीमीटर), राजौरी (57.4 मिलीमीटर) और किश्तवाड़ (50 मिलीमीटर) का स्थान रहा।

यातायात विभाग के अनुसार, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग, मुगल रोड, जम्मू-श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग, जम्मू-किश्तवाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन होने और पहाड़ों से पत्थर गिरने के बाद इन्हें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है।

विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम में सुधार और बहाली का काम पूरा होने तक इन सड़कों पर यात्रा न करें।’’

पुलिस और जिला प्रशासन ने भी लोगों को सतर्क रहने और उफनते जलाशयों और भूस्खलन की आशंका वाले संवेदनशील क्षेत्रों से दूर रहने के लिए परामर्श जारी किए हैं, जबकि अधिकारियों ने बुधवार को सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने की अवधि बढ़ा दी है।

त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा बुधवार को नौवें दिन भी स्थगित है और इसके आधार शिविर में पिछले 24 घंटों के दौरान 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गयी, जो जम्मू क्षेत्र में सबसे अधिक है।

वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा 26 अगस्त को रोक दी गई थी। इससे कुछ घंटे बाद ही अर्द्धकुंवारी के निकट पुराने मार्ग पर बारिश के कारण बड़ा भूस्खलन हुआ था, जिसमें 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी थी और 20 अन्य घायल हो गए थे।