अमेरिकी शुल्क: द्रमुक का सवाल- तमिलनाडु के पश्चिमी क्षेत्र के लिए क्या करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 03-09-2025
US tariff: DMK's question- What will PM Modi do for the western region of Tamil Nadu
US tariff: DMK's question- What will PM Modi do for the western region of Tamil Nadu

 

चेन्नई

तमिलनाडु के तिरुपुर सहित पश्चिमी क्षेत्र में कपड़ा उद्योग पर अमेरिकी शुल्क के प्रभाव को रेखांकित करते हुए राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) ने बुधवार को सवाल किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पश्चिमी क्षेत्र में उद्योगों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाने जा रही है।
 
अमेरिका को भारत की ओर से किये जाने वाले वस्त्र सहित विभिन्न उत्पादों के निर्यात को सूचीबद्ध करते हुए द्रमुक के आधिकारिक मुखपत्र ‘मुरासोली’ में कहा गया है कि वस्त्र और संबंधित निर्यात में कोयंबटूर और तिरुपुर सहित तमिलनाडु के पश्चिमी क्षेत्र की हिस्सेदारी अधिक है।
 
तमिल दैनिक में तीन सितंबर, 2025 के संपादकीय में, तिरुपुर से अमेरिका को लगभग 12,000 करोड़ रुपये के वार्षिक वस्त्र निर्यात के आंकड़े का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि अमेरिकी शुल्क के कारण, अकेले तिरुपुर क्षेत्र में, पांच लाख श्रमिकों की नौकरियां जा सकती हैं और 3,000 औद्योगिक इकाइयां बंद हो सकती हैं।
 
इसमें कहा गया है कि अमेरिकी शुल्क के मद्देनजर ‘‘भाजपा-नीत केंद्र सरकार तिरुपुर और कोयम्बटूर (के हितों) की रक्षा के लिए क्या करने जा रही है?’’
 
इसमें सवाल किया गया है, ‘‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी पश्चिमी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए क्या करने जा रहे हैं? भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जो हमेशा पश्चिमी क्षेत्र को लक्ष्य बनाकर काम करती है। भाजपा पश्चिमी क्षेत्र के लोगों के वोट को लक्षित करती है; वह पश्चिमी क्षेत्र के उद्योगों की सुरक्षा के लिए क्या करने जा रही है?’’
 
संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी उद्योगपति अदाणी और अंबानी के लिए सब कुछ करते हैं। इसमें कहा गया है कि एक सवाल सामने आया है कि मोदी ने तिरुपुर और कोयम्बटूर के कपड़ा और संबद्ध उद्योगों के संरक्षण के लिए क्या किया है।
 
मुरासोली में तिरुपुर होजरी मजदूर संघों की उस मांग का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें उद्योग और श्रमिकों की सुरक्षा के लिए युद्धस्तर पर कदम उठाने की मांग की गई थी।
 
इसमें कहा गया है कि तिरुपुर के निर्यातकों ने अब अमेरिकी खेप पर छूट देना शुरू कर दिया है और कुछ निर्यातक जो केवल अमेरिकी बाजारों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, उन्होंने उत्पादन बंद कर दिया है और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने पहले ही ऐसे परिणामों की चेतावनी दी थी।
 
इसमें आरोप लगाया गया है कि केवल गुजरात स्थित आभूषण निर्यातकों के लिए शुल्क वापसी बढ़ा दी गई है और तमिलनाडु स्थित उद्योगों पर विचार नहीं किया गया है।
 
इसमें कहा गया है कि अमेरिकी शुल्क से प्रभावित तिरुपुर उद्योगों की सुरक्षा के लिए, प्रधानमंत्री मोदी को तुरंत राहत प्रदान करने के लिए एक "विशेष कोष पैकेज" की घोषणा करनी चाहिए। इसमें सवाल किया गया है, ‘‘क्या प्रधानमंत्री ऐसा करेंगे?’’
 
गौरतलब है कि राज्य का पश्चिमी क्षेत्र दशकों से अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) का गढ़ रहा है और भाजपा का भी इसी पश्चिमी क्षेत्र में कई प्रभाव क्षेत्र हैं।
 
कुछ दिन पहले, स्टालिन ने कहा था कि तमिलनाडु का 31 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को जाता है, जिससे राज्य राष्ट्रीय औसत से अधिक असुरक्षित हो गया है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार ने सब्सिडी, योजनाएं और सहायता शुरू की है, लेकिन इसकी क्षमता सीमित है और केंद्र सरकार को राहत उपायों, जीएसटी सुधार, ऋण सहायता और नये एफटीए के साथ आगे आना चाहिए।
 
स्टालिन ने 28 अगस्त को कहा था कि 50 प्रतिशत अमेरिकी शुल्क ने तमिलनाडु के निर्यात, विशेष रूप से तिरुपुर के कपड़ा केंद्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने कहा था कि इससे लगभग 3,000 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हुआ है और हजारों नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं। उन्होंने केंद्र से उद्योगों और श्रमिकों की सुरक्षा के लिए तत्काल राहत और संरचनात्मक सुधार लागू करने का आग्रह किया था।