The Thanka Anki procession begins; will reach Sabarimala on December 26.
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
मंडल पूजा के लिए शबरिमला में भगवान अयप्पा को अर्पित किया जाने वाला ‘थंका अंकी’ (स्वर्ण परिधान) लेकर निकाली जाने वाली औपचारिक शोभायात्रा यहां अरनमुला पार्थसारथी मंदिर से मंगलवार को शुरू हुई।
सुसज्जित रथ में ‘अंकी’ लेकर निकली इस शोभायात्रा के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड के अधिकारी भी थे। यह बोर्ड शबरिमला मंदिर का प्रबंधन करता है।
शोभायात्रा के आगे बढ़ने पर प्रार्थना करने और परिधान के दर्शन के लिए इसके परंपरागत मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ है। पहाड़ी मंदिर तक की यात्रा के दौरान व्यापक सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है।
शबरिमला पहुंचने से पहले मार्ग में पड़ने वाले विभिन्न मंदिरों में ‘थंका अंकी’ का स्वागत किया जाएगा।
त्रावणकोर के राजपरिवार ने 1970 के दशक में अयप्पा को ‘थंका अंकी’ भेंट किया था।
टीडीबी के अधिकारियों ने बताया कि शोभायात्रा 26 दिसंबर को शाम की दीपाराधना से पहले सन्निधानम् (मंदिर परिसर) पहुंचेगी।
मंदिर के तंत्री एवं मेलसंथी (प्रधान पुजारी) संयुक्त रूप से स्वर्ण परिधान स्वीकार करेंगे और शाम को अयप्पा की प्रतिमा को इसे धारण कराएंगे।
टीडीबी के अधिकारियों ने बताया कि ‘अंकी’ धारण किए देवता की ‘मंडल पूजा’ 27 दिसंबर की दोपहर को संपन्न की जाएगी।
यह पूजा लगभग दो महीने चलने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के पहले चरण के समापन का संकेत होती है।