नई दिल्ली
भाजपा सांसद कंगना रनौत ने बुधवार को कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईवीएम ‘हैक’ नहीं करते, बल्कि वह लोगों के दिलों को ‘हैक’ करते हैं।लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उसने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे को लेकर पिछले एक साल से सदन में हंगामा मचाया।
कंगना ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक दिन पहले दिए गए भाषण का हवाला देते हुए उन पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि राहुल के भाषण के दौरान विपक्ष ने सदन में एक विदेशी महिला की तस्वीर दिखाई और इसे मुद्दा बनाया, जबकि महिला ने सोशल मीडिया पर कई बार स्पष्ट किया है कि वह कभी भारत नहीं गई और उसका हरियाणा से कोई संबंध नहीं है।
रनौत ने आरोप लगाया, ‘‘फिर भी इन लोगों ने बिना किसी सबूत और अनुमति के उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया।’’ उनका इशारा उस ब्राजीलियाई महिला की ओर था, जिनका नाम हरियाणा की मतदाता सूची में होने का दावा राहुल गांधी ने किया था।
भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘सबसे पहले इस सदन की तरफ से मैं उस महिला से माफी मांगती हूं। आजकल व्यक्तित्व अधिकार का उल्लंघन एक बड़ा अपराध माना जाता है, बावजूद इसके उनका फोटो बिना अनुमति इस्तेमाल किया गया।’’
वोट चोरी के आरोपों पर कंगना ने कहा, ‘‘कांग्रेस शायद यह नहीं समझ पा रही कि प्रधानमंत्री ईवीएम नहीं हैक करते, बल्कि लोगों के दिलों को हैक करते हैं।’’
विपक्ष की ईवीएम की जगह मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग पर उन्होंने कहा, ‘‘वे लोग पुराने जमाने के दकियानूसी तरीकों की दुहाई देते हैं।’’ उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘आप लोग भूल गए इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण का केस, जिस पर मैंने एक फिल्म भी बनाई है।’’
कंगना ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक समय था जब वे मतपेटी उठाकर ले जाते थे और आज वही लोग ईवीएम हैक होने का दावा कर रहे हैं।उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आप कहती हैं कि पुरानी बातें छोड़ो, लेकिन मैं जानना चाहती हूं कि आपकी माताजी को 1983 में नागरिकता मिलने से पहले वह कितने साल से वोट दे रही थीं?’’
रनौत ने गांधी परिवार पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘इनका परिवार विशेषाधिकार (Entitlement) से ग्रस्त है। आपने कभी देश के कानून, संविधान और व्यवस्था का सम्मान नहीं किया।’’उन्होंने बार-बार चुनाव होने से जनता को होने वाली असुविधा का हवाला देते हुए ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लागू करने की भी मांग की।