नई दिल्ली, 21 नवम्बर (एएनआई): दिल्ली की तिस हजारी स्थित विशेष POCSO अदालत ने मात्र 9 दिनों में एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए दो साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के दोषी को 25 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। यह अपराध दिवाली की रात दो वर्षीय मासूम के साथ घटित हुआ था।
यह मामला 20 अक्टूबर को निहाल विहार थाने में दर्ज किया गया था। आरोपपत्र दाखिल होने और आरोप तय होने के बाद ट्रायल तेज गति से चला और 20 नवम्बर को पूरा हो गया। अदालत ने आरोपी राजकुमार को 19 नवम्बर को दोषी करार दिया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) बबीता पुनिया ने POCSO अधिनियम के तहत दोष सिद्ध होने पर 25 वर्ष की सजा तथा 5,000 रुपये जुर्माना लगाया। पीड़िता को 1.35 लाख रुपये मुआवजा भी देने का आदेश दिया गया।
सजा सुनाते समय अदालत ने अभियुक्त के नशे में होने के बचाव को खारिज कर दिया। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी ने नशा स्वेच्छा से किया था, इसलिए इसे कोई रियायत का आधार नहीं माना जा सकता। न्यायालय ने यह भी कहा कि आरोपी की आयु एक तटस्थ कारक है और दो वर्षीय पीड़िता की तुलना में यह किसी भी प्रकार से नरमी का कारण नहीं बन सकता।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि POCSO और BNS दोनों ही कानूनों में बच्चे के साथ यौन अपराध पर न्यूनतम सजा तय है, इसलिए अदालत मनमानी ढंग से सजा नहीं दे सकती। मामले के स्वरूप, आरोपी की परिस्थितियों, समाज के हित और अपराध की गंभीरता को देखते हुए 25 वर्ष की कठोर कारावास की सजा उपयुक्त है, जिससे समाज की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और आरोपी को अपने कृत्य की गंभीरता का अहसास होगा।
अभियोजन के अनुसार, 20 अक्टूबर 2025 की रात 23:19 बजे निहाल विहार थाने में शिकायत मिली कि कॉलर की दो वर्षीय बच्ची के साथ “गलत काम” किया गया है। पुलिस मौके पर पहुँची तो शिकायतकर्ता से मुलाकात हुई और आरोपी राजकुमार घायल अवस्था में पड़ा मिला।






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