अयोध्या (उप्र)
राम मंदिर के शिखर पर मंगलवार को सम्पन्न हुए ध्वजारोहण कार्यक्रम को साधु-संतों ने भावनात्मक, ऐतिहासिक और सनातन गौरव से परिपूर्ण क्षण बताया। उनका कहना था कि जिस दृश्य को आज देश और दुनिया देख रही है, उसकी कल्पना उनके पूर्वजों ने सदियों पहले की थी।
ध्वजारोहण समारोह में उपस्थित संतों ने कहा कि यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर सनातन आस्था की प्रतिष्ठा और उसकी अटूट मान्यता का प्रतीक है। उन्होंने इसे उस दीर्घ संघर्ष की सफलता बताया, जिसमें संतों, भक्तों और समाज ने पीढ़ी दर पीढ़ी धैर्य, आस्था और समर्पण का परिचय दिया।
संतों का कहना था कि धर्म ध्वजा का आरोहण न केवल भारत की आध्यात्मिक विरासत को सुदृढ़ करता है, बल्कि विश्व पटल पर सनातन संस्कृति की महिमा को और अधिक उजागर करता है।
इस अवसर पर संतों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया। उनका कहना था कि ‘डबल इंजन’ सरकार ने सनातन परम्पराओं के संरक्षण तथा मंदिर संस्कृति के पुनरुद्धार में जो योगदान दिया है, उससे देश की आध्यात्मिक चेतना निरंतर मजबूत हुई है।
राम वैदेही मंदिर के महंत दिलीप दास ने कहा कि अयोध्या मिशन के तहत सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान का जो कार्य हुआ है, वह अतुलनीय है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धर्म परंपरा की रक्षा के लिए सदैव सक्रिय प्रहरी बताया।
विवाह पंचमी के अवसर पर आयोजित इस समारोह में साधु-संतों ने श्रीराम और माता जानकी के दिव्य विवाह पर्व की स्मृति में विशेष पूजन-अर्चन भी किया।






.png)