राष्ट्रपति का नेतृत्व, पुराने संसद भवन में संविधान दिवस समारोह

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 25-11-2025
President leads Constitution Day celebrations at Old Parliament House
President leads Constitution Day celebrations at Old Parliament House

 

नई दिल्ली

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करेंगी।संविधान को अपनाए जाने की स्मृति में 2015 से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। भारत के संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अंगीकृत किया गया था। संविधान के कुछ प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो गए, जबकि शेष प्रावधान 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र बनने के दिन लागू हुए।

संसदीय कार्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि ‘‘राष्ट्रीय समारोह’’ पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया जाएगा। समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रपति करेंगी। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सी. पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री और संसद सदस्य भी उपस्थित रहेंगे।

बयान में कहा गया है कि कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद राष्ट्रपति का संबोधन होगा।

इस अवसर पर केंद्रीय कानून मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा भारत के संविधान का डिजिटल प्रारंभ नौ भाषाओं—मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, उड़िया और असमिया—में किया जाएगा। साथ ही मूल संविधान की सुलेख स्मारक पुस्तिका भी जारी की जाएगी। राष्ट्रपति के नेतृत्व में समारोह में प्रस्तावना का पाठन भी शामिल होगा।

देशभर में केंद्रीय मंत्रालय, उनके अधीनस्थ और संबद्ध कार्यालय, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारें तथा स्थानीय निकाय संविधान दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेंगे। नागरिक ‘mygovernment.in’ और ‘context75.com’ पर प्रस्तावना के ऑनलाइन पाठ के माध्यम से भाग ले सकेंगे।

संविधान दिवस पर ‘‘हमारा संविधान - हमारा स्वाभिमान’’ विषय पर राष्ट्रीय ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी, ब्लॉग और निबंध प्रतियोगिताओं की भी योजना बनाई गई है। इसके अलावा सम्मेलन, संगोष्ठी, वाद-विवाद, लघु फिल्में, प्रदर्शनियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पोस्टर और पेंटिंग प्रतियोगिताएं, रंगोली, तथा पंचायत से संसद स्तर तक अन्य संविधान-आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस प्रकार, संविधान दिवस केवल स्मरण का दिन नहीं बल्कि नागरिकों और संस्थाओं के लिए संवैधानिक मूल्यों को पुनः स्थापित करने और देशवासियों में संविधान के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाने का अवसर है।