The 'Durbar Move' tradition resumes after four years; Chief Minister receives a warm welcome in Jammu.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
जम्मू कश्मीर में चार साल के अंतराल के बाद ऐतिहासिक ‘दरबार स्थानांतरण’ (दरबार मूव) परंपरा फिर से शुरू होने पर सोमवार को जम्मू के लोगों ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
इस परंपरा के तहत जम्मू कश्मीर की राजधानी और प्रशासनिक कार्यालय सर्दी के मौसम में श्रीनगर से जम्मू और गर्मी में जम्मू से श्रीनगर स्थानांतरित किए जाते हैं।
अपने सरकारी आवास से मुख्यमंत्री के रघुनाथ बाजार होते हुए सिविल सचिवालय पहुंचने के मार्ग में रेजीडेंसी रोड पर उमड़ी भीड़ ने अब्दुल्ला का स्वागत किया, जहां व्यापारियों और आम नागरिकों ने उन पर फूल बरसाए। ढोल-नगाड़ों और जश्न के नारों के बीच मिठाइयां बांटी गईं।
उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और जलशक्ति मंत्री जावेद राणा के साथ अब्दुल्ला सुबह करीब नौ बजे अपने सरकारी आवास से निकले। सचिवालय पहुंचने के लिए उन्हें रघुनाथ बाजार से अपने वाहन पर सवार होना पड़ा।
अब्दुल्ला के पैदल आने के फैसले की स्थानीय लोगों ने सराहना की जिन्होंने इसे उनकी विनम्रता और लोगों से जुड़ाव का प्रतीक माना।
मुख्यमंत्री को जम्मू कश्मीर पुलिस की टुकड़ी ने सलामी गारद दिया और सिविल सचिवालय पहुंचने पर उन्होंने सलामी ली जहां लोगों का एक और समूह ढोल बजाते हुए उनका इंतजार कर रहा था और अब्दुल्ला के काफिले को देखकर फिर से फूल बरसाए।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज जब मैं अर्द्धवार्षिक दरबार स्थानांतरण के लिए जम्मू पहुंचा तो मुझे जम्मू के लोगों का गर्मजोशी से भरा और जोशीला स्वागत पाकर बहुत खुशी हुई। मैंने शहीदी चौक और रघुनाथ बाजार में व्यापारियों और नागरिक संगठन के सदस्यों से बातचीत की।’’