The data presented in the Rajya Sabha exposes the truth of the AAP government's education model: Delhi Education Minister
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने शनिवार को कहा कि राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़ों ने पूर्व आम आदमी सरकार के शिक्षा मॉडल की सच्चाई को उजागर किया है।
राज्यसभा में दिए गए एक जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए सूद ने कहा कि बहुचर्चित "शिक्षा क्रांति" का उद्देश्य छात्रों का समर्थन करने के बजाय आंकड़ों को चमकाना था।
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने उठाया था, जिन्होंने यह स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या कक्षा नौ में फेल होने वाले छात्रों को स्कूल के परिणामों में सुधार के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) में स्थानांतरित किया जा रहा है।
आरोपों प्रतिक्रिया व्यक्त आप ने कहा कि ये दावे तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। एक बयान में पार्टी ने कहा कि नौवी कक्षा में फेल हुए छात्रों में से केवल 22 प्रतिशत ने ही पांच साल की अवधि के दौरान एनआईओएस का विकल्प चुना और उन्होंने भी स्वेच्छा से ऐसा किया ताकि उन्हें एक ही कक्षा में दोबारा न पढ़ना पड़े। पार्टी ने कहा कि ये आरोप बिना सोचे-समझे लगाए जा रहे हैं।
सूद ने कहा कि जब उसी पार्टी का कोई सांसद यह सवाल उठाता है कि क्या बच्चों को मुख्यधारा से बाहर निकाला जा रहा है तो इससे नीति के इरादे के बारे में चिंताएं पैदा होती हैं।
राज्यसभा में एक प्रश्न पर शिक्षा मंत्रालय के लिखित जवाब के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में दिल्ली सरकार के स्कूलों में नौवीं कक्षा में 32 लाख से अधिक छात्र अनुत्तीर्ण हुए हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि 2020-21 में 31,541 छात्र, 2021-22 में 28,548, 2022-23 में 88,421, 2023-24 में 1,01,344 और 2024-25 में 70,296 छात्र अनुत्तीर्ण रहे।
इसी अवधि के दौरान एनआईओएस में 71,000 से अधिक छात्रों को प्रवेश दिया गया, जिसमें 2022-23 में 29,436 छात्रों का प्रवेश शामिल हैं।