कोलकाता | 14 दिसंबर
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष और भाजपा नेता कल्याण चौबे ने सॉल्ट लेक स्टेडियम में लियोनल मेस्सी के कार्यक्रम के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस घटना का प्रभाव आने वाले 50 वर्षों तक पश्चिम बंगाल की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा पर पड़ेगा।
शनिवार सुबह मेस्सी के “जीओएटी भारत दौरा 2025” के पहले चरण में भारी भीड़ cभी व्यवस्था और सुरक्षा में चूक के कारण अफरा-तफरी मच गई। कार्यक्रम के दौरान सेल्फी लेने की कोशिश में राजनेताओं और वीआईपी मेहमानों ने मेस्सी को घेर लिया और धक्का तक दे दिया। स्थिति बिगड़ने पर मेस्सी अपने इंटर मियामी साथियों लुइस सुआरेज़ और रोड्रिगो डी पॉल के साथ मात्र 20 मिनट में कार्यक्रम छोड़कर होटल लौट गए और बाद में हैदराबाद रवाना हो गए।
कम समय में कार्यक्रम समाप्त होने की वजह से दर्शकों में गुस्सा फैल गया। कई लोगों ने स्टेडियम में तोड़फोड़ कर दी—कुर्सियाँ टूटीं, कैनोपी क्षतिग्रस्त हुई और पिच पर पानी की बोतलें बिखरी पड़ी थीं। हजारों रुपये खर्च कर कार्यक्रम में आए फुटबॉल प्रेमी बेहद निराश दिखे।
“अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होती है ऐसी घटनाओं की समीक्षा”चौबे ने इस घटना को कोलकाता—जिसे भारतीय फुटबॉल का ‘मक्का’ कहा जाता है—के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा,“जब मेस्सी या क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे दिग्गज कहीं भी जाते हैं, पूरा विश्व मीडिया उनकी हर गतिविधि पर नजर रखता है। फुटबॉल 211 देशों में खेला जाता है, इसलिए कोलकाता की यह घटना वैश्विक छवि पर गहरा असर डालती है।”
“यह केवल राजनीतिक या व्यक्तिगत मुद्दा नहीं, पूरे देश की छवि का सवाल”
चौबे ने चेतावनी दी कि इस अव्यवस्था का दीर्घकालिक प्रभाव बेहद गंभीर हो सकता है—विशेषकर ऐसे समय में जब भारत खुद को वैश्विक खेल आयोजनों के लिए तैयार देश के रूप में स्थापित कर रहा है।उन्होंने कहा,“यह नुकसान सिर्फ किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल और पूरे देश का है। यदि भारत भविष्य में पश्चिम बंगाल में किसी अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी के लिए बोली लगाएगा, तो यह घटना एक बड़ी बाधा बनकर सामने आएगी।”
उन्होंने आगे कहा कि इसका असर केवल आज तक सीमित नहीं रहेगा—यह पचास वर्षों तक राज्य को प्रभावित कर सकता है।
चौबे ने बताया कि कोलकाता पहले भी पेले, डिएगो माराडोना, ओलिवर कान और लोथार मथाउस जैसे महान खिलाड़ियों के आगमन और बड़े आयोजनों का सफल आयोजन कर चुका है।“वे सभी कार्यक्रम गरिमा और अनुशासन के साथ आयोजित किए गए थे। जो कुछ कल हुआ, उसे टाला जा सकता था।”
उन्होंने कहा कि भारत 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करने जा रहा है। ऐसे में फुटबॉल—जो विश्व का सबसे लोकप्रिय खेल है—में इस तरह की अव्यवस्था ने 211 देशों में भारत की छवि को नुकसान पहुँचाया है।
चौबे ने कहा,“हमें तकनीकी पहलुओं पर पहले चर्चा करनी चाहिए थी—क्या करना है, क्या नहीं करना है। नियमों का पालन होता तो कार्यक्रम सुचारू रूप से हो सकता था, जैसा पहले कई बार हुआ है।”यह घटना न केवल बंगाल के लिए, बल्कि भारत के खेल आयोजन क्षमता पर भी सवाल खड़े करती है।