नई दिल्ली. इन दिनों एक वीडियो ने खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. वीडियो सामने आने के बाद से खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. दरअसल, इस वीडियो में आतंकी फरहतुल्ला गोरी भारत में स्लीपर सेल को देशभर की ट्रेनों पर हमला करने के लिए कह रहा है. इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान में रहने वाले भगोड़े आतंकवादी गोरी ने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की मदद से स्लीपर सेल के जरिए बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में विस्फोट की योजना बनाई थी.
वीडियो में सालों से भारतीय एजेंसियों के रडार पर रहा गोरी भारत में रेलवे नेटवर्क को पटरी से उतारने के लिए स्लीपर सेल का आह्वान करता दिख रहा है. वह प्रेशर कुकर के जरिए बमबारी करने के अलग-अलग तरीके बता रहे हैं.
गोरी भारत में पेट्रोलियम पाइपलाइनों और हिंदू नेताओं को निशाना बनाने की योजना के बारे में भी बात कर रहा है. उनका कहना है कि भारत सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए) के जरिए स्लीपर सेल की संपत्तियों को निशाना बनाकर उन्हें कमजोर कर रही है, लेकिन आइए हम वापस आकर सरकार को हिला देंगे
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने कहा कियह वीडियो करीब तीन हफ्ते पहले टेलीग्राम पर जारी किया गया था. फरहतुल्ला गोरी, जिसे अबू सुफियान, सरदार साहब और फारूक के नाम से भी जाना जाता है, कई हाई-प्रोफाइल हमलों से जुड़ा रहा है. इसमें 2002में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हुआ हमला भी शामिल है, जिसमें 30से ज्यादा लोग मारे गए थे और 80घायल हुए थे. 2005में हैदराबाद में टास्क फोर्स कार्यालय पर हुए आत्मघाती हमले के पीछे भी उसका हाथ था.
दिल्ली पुलिस ने पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर प्रदेश से तीन सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों को गिरफ्तार करने के बाद कहा था कि गौरी कथित तौर पर ऑनलाइन आतंकवादी भर्ती का आयोजन कर रहा था. उन्होंने खुलासा किया कि गोरी ही आतंकियों का हैंडलर था. कुछ महीने पहले जब देश भर से पुणे-आईएसआईएस मॉड्यूल के कई आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था, तब दिल्ली पुलिस ने गोरी का नाम रिकॉर्ड में लिया था. उस समय अधिकारियों ने दावा किया था कि आईएसआई भारत में स्लीपर सेल चला रही है और हमलों के लिए युवाओं की भर्ती कर रही है.
1मार्च 2024को रामेश्वरम में हुए धमाके में करीब 10लोग घायल हो गए थे. 12अप्रैल को एनआईए ने दो मुख्य आरोपियों अब्दुल मतीन अहमद ताहा और मुसवर हुसैन शाजाब को गिरफ्तार किया था. ताहा इस हमले का मास्टरमाइंड था जबकि शाजाब ने कथित तौर पर कैफे में आईईडी लगाया था. उसे कोलकाता के पास एक लॉज से गिरफ्तार किया गया, जहां वह गलत पहचान के तहत रह रहा था. दोनों कथित तौर पर कर्नाटक के शिमोगा स्थित इस्लामिक स्टेट मॉड्यूल के सदस्य हैं.
इसी मॉड्यूल के सदस्य शारिक ने नवंबर 2022 में मंगलुरु में विस्फोट किया था. फरहतुल्ला गोरी और उनके दामाद शाहिद फैसल का दक्षिण भारत में एक मजबूत स्लीपर सेल्स नेटवर्क है. फैसल रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के दोनों आरोपियों के संपर्क में था और इस मामले का हैंडलर था.
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