आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर निशाना साधा। तुषार गांधी राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के समर्थन में राज्य का दौरा कर रहे हैं.
गांधी सोमवार को पूर्वी चंपारण जिले में थे, जहां से राष्ट्रपिता ने अपना पहला सत्याग्रह शुरू किया था.
यादव ने एक वीडियो साझा किया जिसमें नीतीश कुमार सरकार के एक समर्थक द्वारा गांधी को अपशब्द कहे जा रहे थे. उन्होंने कहा, "मैं बिहार के सभी लोगों की ओर से श्री तुषार गांधी से हाथ जोड़कर क्षमा मांगता हूं। मुझे उम्मीद है कि वह हमें माफ कर देंगे.’
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता यादव ने स्वयं को "महात्मा गांधी के दर्शन का अनुयायी बताया, जिनका स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, त्याग और समर्पण मुझे कृतज्ञता से भर देता है.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री यादव द्वारा साझा किया गया वीडियो सबसे पहले उनकी पार्टी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि गांधी के साथ दुर्व्यवहार करने वाला व्यक्ति "भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नेता है, जो स्वयं को उस जाति से संबंधित बताता है जिससे महात्मा गांधी आते हैं.
वीडियो में उस व्यक्ति को कहते हुए सुना गया, ‘‘मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है, नीतीश सरकार भी अच्छा कर रही है. महात्मा गांधी के वंशज होकर भी इस सच्चाई को न मानने के लिए आपको शर्म आनी चाहिए.’
यह घटना तुरकौली गांव में हुई थी, जो एक ऐतिहासिक "नीम के पेड़" के पास स्थित है। ब्रिटिश राज के दौरान नील की खेती करने वालों को इस पेड़ से बांधकर कोड़े मारे जाते थे। यह अमानवीय प्रथा तब बंद हुई जब महात्मा गांधी ने देश में अपना पहला असहयोग आंदोलन शुरू किया.
तुषार गांधी ने पंचायत भवन में आयोजित एक कार्यक्रम से पहले पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बिहार को बदलाव की जरूरत है. राजग सत्ता में है लेकिन उसने अपने कई वादे पूरे नहीं किए हैं. महा गठबंधन एक विकल्प है, और इसलिए मैं आगामी चुनावों में विपक्षी गठबंधन का समर्थन करूंगा। हालांकि, मैं एक (सामाजिक) कार्यकर्ता था, हूं और रहूंगा और अगर महा गठबंधन सत्ता में आता है, तो मैं उससे भी उसी स्तर की जवाबदेही मांगूंगा.’
गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर भी अपनी नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा, ‘‘काफी पहले मैंने उनसे आग्रह किया था कि चंपारण के नाम में 'सत्याग्रह' जोड़ा जाए। यह बापू को एक श्रद्धांजलि होती.