नई दिल्ली. सऊदी अरब में तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध को लेकर पिछले दो दिनों से भारतीय उपमहाद्वीप में हड़कंप मचा हुआ है. मुसलमानों के हर वर्ग और संप्रदाय ने इसकी निंदा की है. तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध की खबर से इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि इसका मकसद क्या है और यह कदम किस आधार पर उठाया गया है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर तूफान आ गया है. सऊदी अरब को लेकर आलोचनाओं की झड़ी लग गई है. लेकिन आज एक ठोस कदम उठाते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने तब्लीगी जमात के खिलाफ सऊदी अरब के इस्लामी मामलों के मंत्रालय के बयान की पृष्ठभूमि में भारत में सऊदी राजदूत सऊद मुहम्मद बिन सती से मुलाकात की.
बैठक के दौरानए उन्होंने सऊदी राजदूत को सूचित किया कि जमात.ए.तबलीग के संबंध में सऊदी अरब साम्राज्य के इस्लामी मामलों के मंत्रालय का बयान दुनिया भर के मुसलमानों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया हैए क्योंकि जमात-ए-तबलीग देवबंदी विचारधारा की जमात है. इसलिए दारुल उलूम देवबंद और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के लिए भी चिंता का विषय है.
हमारे देश में जमात-ए-इस्लामी की स्थिति के बारे में सऊदी अरब के साम्राज्य के साथ हमारी कोई चर्चा नहीं है और हमने इस संबंध में कभी भी इस बारे में बात नहीं की है. न केवल जमात के लिए, बल्कि सभी मुसलमानों के लिए बहुत दर्दनाक है, जो धर्म से संबंध रखते हैं.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि उन्होंने सऊदी राजदूत से कहा कि हम सऊदी अरब के राजदूत के माध्यम से अपनी शिकायतों और भावनाओं को मंत्री शॉन इस्लामिया तक पहुंचाना चाहते हैं. उन्हें बताएं कि इस बयान से मुसलमानों को क्या मुश्किलें और बुरे नतीजे आ सकते हैं.
मौलाना अरशद मदनी ने आगे कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि राजदूत ने मेरे पत्र को बहुत अच्छे माहौल में पढ़ा और विषय पर चर्चा की और उन्होंने मुझे इस संबंध में सबसे अच्छा सहयोग देने का वादा किया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह मानें कि यह पत्र इस्लामी मामलों के मंत्रालय के पास पहुंच गया है, मुझे उम्मीद के मुताबिक आपसे प्रतिक्रिया की उम्मीद है.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मैं राजदूत के अच्छे व्यवहार के लिए उनका बहुत आभारी हूं और मुझे यकीन है कि इंशाअल्लाह वह हमारे सबसे अच्छे प्रवक्ता होंगे और इंशाअल्लाह हमारी बातचीत और खतो-किताबत के अच्छे परिणाम मिलेंगे.