नई दिल्ली. वैज्ञानिक सैयद वजीह अहमद नकवी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया है. प्रो. नकवी सीएसआईआर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ से हैं. राष्ट्रपति भवन के रिपब्लिक हॉल में आयोजित विज्ञान पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 विज्ञान श्री पुरस्कार, 18 विज्ञान युवा शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और एक विज्ञान टीम पुरस्कार भी प्रदान किए.
इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रसिद्ध बायोकेमिस्ट और भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु के पूर्व निदेशक गोविंदराजन पद्मनाभन को भारत के सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार - विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया. आपको बता दें कि प्रोफेसर गोविंदराजन पद्मनाभन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आजीवन उपलब्धि और योगदान के लिए विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. प्रोफेसर गोविंदराजन पद्मनाभन भारत में आणविक जीव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान में अग्रणी हैं.
राष्ट्रपति मुर्मू ने चंद्रयान 3 टीम को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विज्ञान टीम पुरस्कार से सम्मानित किया. चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक पी वीरमुथुवेल ने राष्ट्रपति से यह सम्मान प्राप्त किया. सम्मानित होने वाले अन्य लोगों में अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम, निदेशक, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, बैंगलोर, आनंदराम कृष्णन सी, निदेशक, राष्ट्रीय अंतःविषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम, अविश कुमार त्यागी, निदेशक, रसायन विज्ञान समूह, भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान, उमेश वार्षि्ण, जीवविज्ञानी, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु, जयंतीलचंद्र अडगांवकर, प्रोफेसर, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, पुणे, संजय बिहारी, निदेशक, चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, उदयमूर्ति आदि, प्रोफेसर, आईआईटी कानपुर, राहुल मुखर्जी, आईआईएम-कोलकाता, नबा कुमार मंडल, भौतिक विज्ञानी, साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स, लक्ष्मणन मुथुस्वामी, भारतीदासन विश्वविद्यालय, तिरुचिरापल्ली और रोहित श्रीवास्तव, प्रोफेसर, आईआईटी बॉम्बे शामिल हैं.
आपको बता दें कि सरकार ने पिछले साल सभी मौजूदा विज्ञान पुरस्कारों को खत्म कर इन नए पुरस्कारों यानी राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों की शुरुआत की थी. सभी पुरस्कार विजेताओं को अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए पदक और प्रशस्ति पत्र दिए गए.
इस मौके पर अध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज तकनीक के विकास ने विकास के कई रास्ते खोल दिये हैं. उदाहरण के लिए, दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट की पहुंच ने ऑनलाइन रोजगार के कई अवसर पैदा किए हैं, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि प्रौद्योगिकी का उपयोग उचित और सतत विकास और सार्वजनिक हित के लिए किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि पांच दशकों से अधिक समय से जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय युवाओं को कुशल और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
संस्थान के पास पूर्व छात्रों की एक प्रभावशाली सूची है, जो भारत और विदेशों में कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं. मुझे बताया गया है कि इस विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ में 10,000 से अधिक सदस्य हैं जो वित्तीय सहायता और परामर्श प्रदान करके इस संस्थान के छात्रों को आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं.
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