अयोध्या की राम की पैड़ी की तर्ज पर मथुरा-वृंदावन में बनेगी श्रीकृष्ण की पैड़ी

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 14-06-2025
On the lines of Ram ki Paidi of Ayodhya, Shri Krishna ki Paidi will be built in Mathura-Vrindavan
On the lines of Ram ki Paidi of Ayodhya, Shri Krishna ki Paidi will be built in Mathura-Vrindavan

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में वृन्दावन में प्रस्तावित बांकेबिहारी कॉरिडोर के सामने अयोध्या की राम की पैड़ी की तर्ज पर एक सौ करोड़ रुपये की लागत से कृष्ण की पैड़ी का निर्माण कराया जाएगा.
 
उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पदेन मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने शनिवार को यह जानकारी दी.
 
उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग को इसके लिए धनराशि तय कर उसी के अनुसार प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये गये हैं. अयोध्या में राम की पैड़ी सरयू नदी के किनारे स्थित घाटों की एक श्रृंखला है, जो धार्मिक महत्व के लिए जानी जाती है. सिंह ने बताया कि परिक्रमा क्षेत्र में डेढ़ किमी लम्बे यमुना घाटों का पुनरुद्वार किया जाएगा, जिससे वृन्दावन में यमुना के घाटों का परिदृश्य पूरी तरह बदल जाएगा.
 
उनका कहना है कि पैड़ी से ही श्रद्धालुओं को सप्त देवालय सर्किट के दर्शन के साथ बांकेबिहारी के भव्य दर्शन हो सकेंगे। कालीदह से केसी घाट तक डेढ़ किमी में यमुना के घाटों पर कृष्ण की पैड़ी का निर्माण किया जाना है, जिसमें रेत में दबे घाटों को बाहर निकला जाएगा। प्रथम चरण में 713 मीटर निर्माण कार्य जुगल किशोर घाट से केसी घाट तक किया जाएगा.
 
सिंह के अनुसार परिक्रमा मार्ग पर पड़ने वाले चीर घाट तथा अन्य घाटों को पुनरुद्धार किया जाएगा। इस योजना में इन सभी घाटों की सीढ़ियां और आसपास बनी पुरातन छतरियों की मरम्मत कर इनको भव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा। प्रस्तावित कृष्ण की पैड़ी को ‘फसाड लाइटिंग एवं फुट लाइटिंग’ से सुंदर तरीके से जगमगा दिया जाएगा.
 
सिंह के मुताबिक घाटों पर चैनल के माध्यम से यमुना का जल पहले ‘रैनी वेल’ में लिया जाएगा, फिर पैड़ी जलाशय को भरा जाएगा. उसके उपरांत यमुना जल को घाट की सीढ़ियों तक लाया जाएगा ताकि श्रद्धालु सुविधापूर्वक स्नान एवं आचमन इत्यादि धर्म-कर्म स्वेच्छानुसार कर सकें. कृष्ण की इस पैड़ी से ही अगली योजना में सिग्नेचर ब्रिज को जोड़ दिया जाएगा, जिससे श्रद्धालु पुल के माध्यम से पैड़ी से होते हुए बांकेबिहारी कॉरिडोर परिसर में प्रवेश कर सकेंगे.