छात्रा आत्मदाह मामला: मुख्यमंत्री माझी ने परिजनों के लिए 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 15-07-2025
Student self immolation case: Chief Minister Majhi announced a compensation of Rs 20 lakh for the family
Student self immolation case: Chief Minister Majhi announced a compensation of Rs 20 lakh for the family

 

भुवनेश्वर/बालासोर
 
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आत्मदाह करने वाली छात्रा के परिवार के लिए 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मंगलवार को घोषणा की।
 
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, माझी ने संबंधित अधिकारियों को घटना की उचित जांच करने का निर्देश दिया ताकि सभी दोषियों को कानून के अनुसार सजा दिलाई किया जा सके।
 
राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने भी छात्रा की मौत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की एक छात्रा की असामयिक मृत्यु की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। उसकी मृत्यु सिर्फ एक अकस्मात् घटना नहीं है-यह हमारे परिसरों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की सख्त जरूरत का एक साफ संकेत है।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘कानून के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं। ईश्वर उन्हें इस असहनीय पीड़ा की घड़ी में शक्ति प्रदान करे।’’
 
एक शिक्षक द्वारा कथित तौर पर ‘‘यौन उत्पीड़न’’ किए जाने के मामले में न्याय न मिलने पर खुद को आग लगाने वाली छात्रा ने तीन दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार रात दम तोड़ दिया।
 
वह बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय में एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से आहत छात्रा ने शनिवार को यह कदम उठाया और वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी।
 
छात्रा का शव मंगलवार को ओडिशा के बालासोर जिले में उसके पैतृक गांव लाया गया। उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में लोग श्मशान घाट पहुंचे। बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी, जिले के अधिकारी और अन्य लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए। छात्रा के शव का अंतिम संस्कार उसके परिवार और अन्य ग्रामीणों की मौजूदगी में किया गया।
 
स्थानीय लोगों ने छात्रा की मौत के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि छात्रा प्राकृतिक आपदाओं, खासकर बाढ़ के दौरान मदद के लिए सक्रिय रहती थी। बालासोर जिले के बाढ़ प्रभावित खंड बस्ता के एक ग्रामीण ने कहा, ‘‘वह बाढ़ के दौरान महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में प्रशासन की मदद करती थी।’’
 
शमशान घाट में एक शिक्षक ने कहा, ‘‘हमें इस बात पर विश्वास ही नहीं हो रहा कि उसने आत्महत्या कर ली। वह मानसिक रूप से मजबूत और मेधावी छात्रा थी। मैंने उसे पढ़ाया था। न्याय न मिलने पर उसे आत्मदाह के लिए मजबूर होना पड़ा।’’
 
छात्रा के दादा ने कहा कि सरकार उसे न्याय दिलाने में ‘‘नाकाम’’ रही, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली। एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि उसने विधायक से लेकर केंद्रीय मंत्री तक, सभी से गुहार लगाई थी।
 
इस मामले में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू और फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय के प्राचार्य दिलीप घोष को गिरफ्तार किया जा चुका है।