नई दिल्ली
कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को पाकिस्तान और इज़रायल द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने कहा कि बीते एक सदी में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कुछ बेहद अजीब और विवादास्पद फैसले किए गए हैं, वहीं कई योग्य व्यक्तियों की उपेक्षा भी हुई है।
कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि आमतौर पर नोबेल पुरस्कार नामांकन से जुड़ी जानकारियां 50 साल बाद सार्वजनिक की जाती हैं, यानी 2025 में हुए नामांकनों की पूरी जानकारी 2075 में ही सामने आएगी। हालांकि, कोई भी नामांकनकर्ता अपने द्वारा किए गए नामांकन को सार्वजनिक कर सकता है।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान और इज़रायल के प्रधानमंत्रियों ने गर्व के साथ यह घोषणा की है कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है।”
जयराम रमेश ने इस मौके पर यह भी याद दिलाया कि एक समय पर भारत के दो बड़े नेताओं—महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू—को कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।
उनके अनुसार, “महात्मा गांधी को 1937 से 1948 के बीच 12 बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया, जिनमें से 9 नामांकन भारत से बाहर के लोगों ने किए थे। नेहरू को 1950 से 1961 के बीच 13 बार नामित किया गया और इनमें से 10 नामांकन विदेशी व्यक्तियों या संस्थाओं से आए थे।”
उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में नोबेल पुरस्कार को लेकर कई बार विवादास्पद निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “डॉ. हेनरी किसिंजर को 1973 में मिला नोबेल शांति पुरस्कार बेहद विवादित था।”
ज्ञात हो कि पिछले महीने पाकिस्तान सरकार ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए ट्रंप को भारत-पाकिस्तान हालिया संघर्ष के दौरान ‘स्वघोषित शांति प्रयासों’ के लिए नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की घोषणा की थी। यह सिफारिश पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार द्वारा हस्ताक्षरित पत्र के माध्यम से नोबेल समिति को भेजी जा चुकी है।
वहीं, इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी reportedly ट्रंप को "शांति स्थापित करने में भूमिका" के लिए नोबेल शांति पुरस्कार हेतु नामित किया है।