Stock market rises for the second consecutive day, Sensex-Nifty at the highest level of this year
आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
विदेशी कोषों का निवेश जारी रहने और कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेज गिरावट आने के बीच सोमवार को स्थानीय शेयर बाजारों में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में तेजी रही और दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स एवं निफ्टी इस साल के अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुए.
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 294.85 अंक यानी 0.37 प्रतिशत चढ़कर 80,796.84 अंक पर बंद हुआ. यह चार महीनों से अधिक समय का इसका उच्चतम बंद स्तर है. कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 547.04 अंक बढ़कर 81,049.03 अंक पर पहुंच गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 114.45 अंक यानी 0.47 प्रतिशत बढ़कर 24,461.15 अंक पर पहुंच गया. निफ्टी के लिए भी यह वर्ष 2025 का अब तक का सबसे ऊंचा बंद स्तर है.
सेंसेक्स की कंपनियों में से अदाणी पोर्ट्स के शेयर में सर्वाधिक 6.29 प्रतिशत की तेजी देखी गई। यह तेजी रिश्वतखोरी की जांच में आपराधिक आरोपों को खारिज करने की मांग करने के लिए अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों से गौतम अदाणी के प्रतिनिधियों के मिलने की खबरों के बीच आई. अदाणी समूह की अन्य सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए.
सेंसेक्स की कंपनियों में बजाज फिनसर्व, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इटर्नल (पूर्व में जोमैटो), पावर ग्रिड, आईटीसी, टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर भी लाभ में रहीं. दूसरी तरफ, कोटक महिंद्रा बैंक में 4.57 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। निजी क्षेत्र के इस बैंक का वित्त वर्ष 2024-25 की मार्च तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 7.57 प्रतिशत गिर गया है. इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, टाइटन और इंडसइंड बैंक के शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए.
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 2,769.81 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की. अनुकूल वैश्विक संकेतों और मजबूत घरेलू बुनियादी आंकड़ों के बीच विदेशी निवेशकों ने अप्रैल महीने में भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 4,223 करोड़ रुपये डाले हैं और तीन माह बाद वे पहली बार शुद्ध लिवाल बने हैं. इसके पहले इस साल मार्च में 3,973 करोड़ रुपये, फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये की लगातार शुद्ध निकासी देखी गई थी.
जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार ने अपनी सकारात्मक गति को बनाए रखा है, हालांकि आशावाद थोड़ा कम हुआ है. अप्रैल में निरंतर विदेशी प्रवाह और रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह आर्थिक गतिविधियों में मजबूती को दर्शाता है, जिससे हल्की उम्मीद पैदा होती है। कमजोर डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी एफआईआई की धारणा को मजबूत किया है. व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक ने 1.45 प्रतिशत की छलांग लगाई जबकि स्मॉलकैप में 1.23 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई.
क्षेत्रवार सूचकांकों में से सेवा खंड में सर्वाधिक 2.99 प्रतिशत की तेजी रही जबकि तेल एवं गैस में 1.95 प्रतिशत और वाहन खंड में 1.88 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई. सिर्फ बैंकिंग सूचकांक ही गिरावट के साथ बंद हुआ. इस बीच दक्षिण कोरिया, जापान, चीन और हांगकांग के बाजार छुट्टियों के कारण बंद रहे. यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में मिले-जुले रुख के साथ कारोबार कर रहे थे. शुक्रवार को अमेरिकी बाजार काफी तेजी के साथ बंद हुए थे. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.45 प्रतिशत गिरकर 60.40 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 259.75 अंक बढ़कर 80,501.99 अंक पर और एनएसई निफ्टी 12.50 की मामूली बढ़त के साथ 24,346.70 अंक पर बंद हुआ था.