आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद की निंदा करते हुए कहा कि यह ‘‘एनआरसी का छिपा हुआ रूप’’ है और भाजपा विरोधी मतदाताओं को हटाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
अखिलेश शनिवार को होने जा रहे ‘विजन इंडिया - एआई शिखर सम्मेलन’ में भाग लेने के लिए हैदराबाद आए हैं।
उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और बीआरएस नेताओं के साथ भी बैठकें कीं, जिनमें इसके कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव भी शामिल थे।
अखिलेश ने पत्रकारों से कहा कि निर्वाचन आयोग को बड़े पैमाने पर नाम हटाने की अनुमति देने के बजाय मतदाता भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में तीन करोड़ से अधिक मतों के कटने का खतरा है।’’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘यह एसआईआर नहीं है। यह एसआईआर के वेश में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) है। वे सीधे एनआरसी लागू नहीं कर सके। अब वे एनआरसी लेकर आए हैं। अगर एनआरसी कभी लागू होता है, तो कौन से दस्तावेज देने होंगे? वही कागजात पेश करने होंगे।’’